सोमवार 14 अप्रैल 2025 - 13:19
क़ुरआन करीम ने इस्तिकबारी ताक़तों के मुक़ाबले में उम्मत-ए-मुस्लिम की ज़िम्मेदारियों को बयान किया है

हौज़ा / हरम ए हज़रत मअसूमा स.अ. के एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मद मेहदी मांदगारी ने कहा कि क़ुरआन शरीफ़ इस्लामी उम्मत को अत्याचारी ताक़तों के साथ व्यवहार करने का तरीका स्पष्ट रूप से बताता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,हज़रत मासूमा स.अ. के हरम में आयोजित एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मद मेहदी मांदगारी ने कहा कि क़ुरआन शरीफ़ इस्लामी उम्मत को अत्याचारी (घमंडी) ताक़तों से कैसे पेश आना चाहिए इसका तरीका साफ़ साफ़ बताता है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग ये सवाल उठाते हैं कि इस्लामी गणराज्य ईरान, अन्य देशों की तरह अमेरिका और यूरोप से रिश्ते बेहतर क्यों नहीं बनाता, ताकि पाबंदियाँ हटें और जनता को आराम मिले। इन संदेहों का जवाब क़ुरआन की रौशनी में देना ज़रूरी है, क्योंकि क़ुरआन काफ़िरों और मुनाफ़िक़ों को झूठा कहता है और साफ़ हुक्म देता है कि उनसे डरा न जाए और उनके ज़ुल्म के सामने डटकर खड़ा रहा जाए।

हुज्जतुल इस्लाम मांदगारी ने कहा कि भले ही कुछ अधिकारी धार्मिक सिद्धांतों से हट जाते हैं, लेकिन इस्लामी क्रांति और व्यवस्था की बुनियाद क़ुरआन और दीन पर ही है।

उन्होंने सूरह हुजरात की आयत 6 और सूरह आले इमरान की आयत 175 का हवाला देते हुए कहा कि क़ुरआन हमें दुश्मन पर भरोसा न करने, उनसे न डरने और उनके फ़ितनों (साज़िशों) के खिलाफ़ संघर्ष (जिहाद) करने का आदेश देता है। उनके अनुसार, अमेरिका ने पहले भी अपने वादे तोड़े हैं, और अब भी उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि अमेरिका की ईरान-विरोधी नीतियाँ और अरब देशों के साथ हुआ व्यवहार हमारे सामने एक मिसाल है, जहाँ वफ़ादारी के बावजूद उन्हें शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।

हुज्जतुल इस्लाम मांदगारी ने ज़ोर देकर कहा कि बातचीत की शर्तें ईरान खुद तय करता है, और हाल ही में ओमान में हुए बातचीत इसी आत्मविश्वास का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि हमारा तीसरा फ़र्ज़ दुश्मनों के खिलाफ़ जिहाद है, ताकि उनकी साज़िशें नाकाम हों।

उनका कहना था कि क़ुरआन हमें बताता है कि दुश्मन की चालों का सामना हिम्मत, आत्मनिर्भरता और धार्मिक दूरदर्शिता के साथ करना चाहिए, क्योंकि यही रास्ता हमें इज़्ज़त और कामयाबी की ओर ले जाता है।

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