मंगलवार 15 अप्रैल 2025 - 11:38
जनता के जीवन की हिफाज़त और ज़रूरी खाने-पीने की चीज़ें मुहैया कराना रियासती इदारों  की ज़िम्मेदारी हैंः मुक़र्रेरीन

हौज़ा / मजलिस ए उलमा मक्तब-ए-अहलेबैत अ.स पाकिस्तान की मरकज़ी मजलिस-ए-आमिला का संवैधानिक इजलास जामिअतुर रज़ा, बारा कहू, इस्लामाबाद में मुनअक़िद हुआ, जिसकी सदारत मजलिस-ए-उलमा मक्तब-ए-अहलेबैत पाकिस्तान के सदर आलिमा सैयद हुसैन अब्बास गर्दीजी ने की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,मजलिस ए उलमा मक्तब-ए-अहलेबैत अ.स पाकिस्तान की मरकज़ी मजलिस-ए-आमिला का संवैधानिक इजलास जामिअतुर रज़ा, बारा कहू, इस्लामाबाद में मुनअक़िद हुआ, जिसकी सदारत मजलिस-ए-उलमा मक्तब-ए-अहलेबैत पाकिस्तान के सदर आलिमा सैयद हुसैन अब्बास गर्दीजी ने की।

इस इजलास में तमाम सूबाई सदरान और मरकज़ी काबीना के ओहदेदार शामिल हुए इसमें मुख्तलिफ शोबों की कारगुज़ारी (प्रदर्शन) का जायज़ा लिया गया और आइंदा (आगे) के लिए अहम फैसले किए गए।

इजलास के इख्तताम पर ख़िताब करते हुए मजलिस के मरकज़ी सदर आलिमा सैयद हुसैन अब्बास गर्दीजी ने कहा की ग़ज़्ज़ा में इस्राइली दरिंदगी जारी है।

इंसानियत सोज़ हमलों पर पूरी दुनिया मुजरिमाना ख़ामोशी इख्तियार किए हुए है यहूदियों की वहशत से ग़ज़्ज़ा का आखिरी वर्किंग अस्पताल भी तबाह हो चुका है बेहद शर्मनाक है कि नामनिहाद मुस्लिम हुक्मरान उल्टा ग़ासिब रियासत की सहूलतकारी कर रहे हैं। इस्राइल दिन-रात ग़ज़्ज़ा में आग और बारूद की बारिश कर रहा है, जिसमें दर्जनों मासूम शहरी मारे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा,अफ़सोस के साथ कहना पड़ता है कि पारा चनार में छह महीने गुज़र जाने के बावजूद रास्ते नहीं खुल सके हैं। लाखों लोग मुश्किल घेराबंदी में ज़िंदगी गुज़ारने पर मजबूर हैं जिनका कोई पुरसाने हाल नहीं है।

सूबाई और वफ़ाक़ी हुकूमत समेत सिक्योरिटी देने वाले रियासती इदारे अब तक रास्ते खुलवाने में बेबस और नाकाम रहे हैं रियासत की ज़िम्मेदारी है कि वो आवाम की ज़िंदगियों की हिफाज़त करे और उन्हें ज़रूरी ज़राए ख़ुराक खाने-पीने की चीज़ें मुहैया कराए।

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