गुरुवार 19 जून 2025 - 14:00
ज़ायोनी सरकार के हमले के पश्चात जनता को संबोधित करते हुए सुप्रीम लीडर का टेलीवीजन से प्रसारित होने वाला दूसरा संदेश

हौज़ा / ईरान की सम्मानित जनता को सबसे पहली बात जो मै कहना चाहता हूं वह इस मुद्दे मे जो हाल के दिनो मे दुशमन ने देश के लिए पदा किया है, अपनी जनता के व्यवहार की सराहना है।ईरान की जनता ने दिखा दिया कि वह मतीन भी , बहादुर भी है और वक़्त शनास भी है। यह जबरदस्त क़दम जो जनता ने ग़दीर के दिन दुनिया वालो को दिखाया, एक ज़बरदस्त क़दम था, इन्ही कुछ दिनो मे जनता के जमाववाड़े, जनता की रैलीया, नमाज़े जुमा और नमाज़ के बाद के जुलूसो मे उनकी भागीदारी, यह सारी चीज़े ईरानी राष्ट्र के विकास और अक़्ल और मानावीयत की मज़बूती और साथ ही बहादुर और समय की पहचान रखने वाली होने के तर्क है। मै खुदा का शुक्र अदा करता हूं कि उसने अलहम्दोलिल्लाह इस मोमिन राष्ट्र को माद्दी और मानवी क्षमताओ की इस ऊंचाई पर रखा है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ज़ायोनी सरकार के हमलो के बाद जनता से संबोधन करते हुए सुप्रीम लीडर का टेलीवीजन से प्रसारित होने वाला दूसरा संदेश, जिसका पाठ इस प्रकार हैछ

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम

ईरान की सम्मानित जनता को  सबसे पहली बात जो मै कहना चाहता हूं वह इस मुद्दे मे जो हाल के दिनो मे दुशमन ने देश के लिए पदा किया है, अपनी जनता के व्यवहार की सराहना है।ईरान की जनता ने दिखा दिया कि वह मतीन भी , बहादुर भी है और वक़्त शनास भी है। यह जबरदस्त क़दम जो जनता ने ग़दीर के दिन दुनिया वालो को दिखाया, एक ज़बरदस्त क़दम था, इन्ही कुछ दिनो मे जनता के जमाववाड़े, जनता की रैलीया, नमाज़े जुमा और नमाज़ के बाद के जुलूसो मे उनकी भागीदारी, यह सारी चीज़े ईरानी राष्ट्र के विकास और अक़्ल और मानावीयत की मज़बूती और साथ ही बहादुर और समय की पहचान रखने वाली होने के तर्क है। मै खुदा का शुक्र अदा करता हूं कि उसने अलहम्दोलिल्लाह इस मोमिन राष्ट्र को माद्दी और मानवी क्षमताओ की इस ऊंचाई पर रखा है।

मै जरूरी समझता हूँ कि यही पर टेलीवीजन की इस एंकर महिला (1) की सुंदर और अर्थपूर्ण इक़दाम की ओर संकेत करता चलूं जो उन्होने दुशमन के हमले के मुक़ाबले मे अंजाम दिया। तकबीर कहना और वास्तव मे राष्ट्र की शक्ति की निशानी पूरी दुनिया को दिखाना, यह एक ऐतिहासिक घटना थी बहुत ही मूल्यवान घटना है।

दूसरी बात यह कि यह घटना हमारे देश पर ज़ायोनी सरकार के मूर्खतापूर्ण और खबासत आमीज़ हमले की घटना, ऐसे हालत मे हुई कि सरकारी अधिकारी अमेरिकी पक्ष से इंडायरेक्ट वार्ता कर रहे थे, ईरान की ओर से ऐसा कोई विषय नही था जो इस बात की निशानी होता कि कोई फ़ौजी या तुंद व तेज और सख्त इकदाम पाया जाता है। हालाकि शुरू से ही इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था कि अमेरिका ज़ायोनी सरकार की इस मूर्खता मे सम्मिलित रहा होगा लेकिन इस समय जो बाते वह कर रहे है उनसे यह अंदाज़ा दिन प्रतिदिन मज़बूत हो रहा है। ईरानी राष्ट्र थोपे गए युद्ध के मुक़ाबले मे मज़बूती से डट जाती है जिस तरह से वह थोपी हुई सुलह के खिलाफ़ भी डट जाएगी और यह राष्ट्र किसी भी थोपे हुई चीज़ के मुकाबले मे किसी के सामने नही झुकेगी। मुझे आशा है कि अहले फिक्र, अहले बयान और अहले क़लम लोग और विश्ष रूप से आलमी राय आम्मा से जुड़े हुए लोग इन बातो को और इन मफ़ाहीम को बयान करेंगे, उनकी व्याख्या करेंगे , देखने, सुनने और पढ़ने वालो के लिए बात को स्पष्ट करेंगे और दुशमन को उसके धोखा धड़ी वाले प्रपेगंडो के माध्यम से हक़ीक़त को बदल कर पेश करने की अनुमति नही देंगे। ज़ायोनी दुशमन ने एक बड़ी गलती की है, एक बड़े जुर्म का इरतेकाब किया है और उसे सज़ा मिलनी चाहिए और सज़ा मिल भी रही है । ईरानी राष्ट्र और सशस्त्र बल ने इस खबीस दुशमन को सज़ा दी है और इस समय भी दे रही है और आगे के लिए भी उनकी योजनाए है, वह बहुत कठोर सज़ा है जिसने उसे कमज़ोर कर दिया है। उसके जो अमेरिकी सहयोगी मैदान मे आ रहे है और बात कर रहे है यही उसके कमजोर और असक्षम होने की निशानी है।  

अंतिम बात यहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति (2) ने हाल ही मे धमकी दी है, वह हमे धमकी भी देते है और एक इंतेहाई मूर्खता और असहनीय बयान मे ईरानी राष्ट्र से खुल कर कहते है कि वह उनके सामने झुक जाए। जब इंसान उन चीज़ो को देखता है तो वास्तव मे हैरत मे पड़ जाता है। सबसे पहले तो यह धमकी उसे दी जाए जो उनकी धमकी से डरता हो।ईरानी राष्ट्र ने दिखा दिया है कि वह धमकी देने वालो की धमकीयो से भयभीत नही होती। وَ لا تَھِنوا وَ لا تَحزَنوا وَ اَنتُمُ الاَعلَونَ اِن کُنتُم مُؤمِنینवला तहेनू वला तहज़नू व अनोमुल आअलौना इन कुंतुम मोमेनीन (3) ईरानी कौम इस पर अक़ीदा रखती है, धमकी, ईरानी कौम के व्यवहार की सोच पर प्रभावित नही होती, दूसरी बात यह है कि ईरानी राष्ट्र से यह कहना कि वह झुक जाए, बुद्दिमत्ता नही है। वह बुद्दिमान लोग जो ईरान को जानते है, ईरानी क़ौम को जनाते है, ईरानी इतिहास से परिचित है वह कभी भी इस प्रकार की बात नही करते। किसी चीज़ के सामने झुक जाए। ईरानी राष्ट्र झुकने वाला नही है। हमने किसी पर हमला नही किया और किसी भी परिस्तिथि मे हमलो को स्वीकार नही करेगा और किसी के भी सामने नही झुकेगा यही ईरानी राष्ट्र का तर्क है, यही ईरानी राष्ट्र का जज्बा है।

जहा तक अमेरिकीयो की बात है तो जो लोग क्षेत्र की राजनीति से परिचित है वह जानते है कि इस मुद्दे मे अमेरिका का कूदना शतप्रतिशत उसके नुकसान मे है। इम मुद्दे मे उसे जो नुकसान होगा वह ईरान को होने वाले संभावित नुकसान से कही अधिक होगा। अगर अमेरिका इस मैदान मे फ़ौजी हस्तक्षेप करता है तो निश्चित रूप से उसे असहनीय नुकसान होगा।

मै अपने प्रिया राष्ट्र से कहना चाहता हूं कि इस आयत शरीफ़ा को सदैव नज़र मे रखे। बहम्दिल्लाह ज़िंदगी मामूल के मुताबिक गुजर रही है। दुशमन को यह आभास न होने दीजिए कि आप उसके मुकाबले मे भयभीत है और कमज़ोरी का अहसास कर रहे है। अगर दुशमन इस बात का आभास करे कि आप उससे भयभीत है तो वह आपका गिरेबान नही छोड़ेगा। आपका व्यवहार जो आज तक रहा है, उसको पूरी ताकत से जारी रखिए। जिन लोगो का जनता से काम है जिन लोगो के कंधो पर व्याख्या और प्रोपेगंडे का काम है वह अपना काम पूरी ताकत से अंजाम दे और जारी रखे और अल्लाह तआला पर भरोसा करें। वमन नसरो इल्ला मिन इंदिल्लाहिल अज़ीज़िल हकीम (4) और अल्लाह तआला ईरानी राष्ट्र को और हक व हक़ीक़त को निसंदेह और निश्चित तौर पर सफ़ल करेगा, इंशाल्लाह।

वस्सलामो अलैकुम वा रहमतुल्लाह व बरकातो 

(1) सुश्री सहर इमामी 

(2)डोनाल्ड ट्रम्प

(3) सूर ए आले इमारन आयत न 139, अगर तुम मोमिन हो तो न तो थको और न ही ग़मगीन हो कि तुम ही गालिब व बरतर रहोगे।

(4) सूर ए आले इमरान, आयत न 136, आर मदद, अल्लाह तआला के अलावा किसी और की जानिब से नही है।

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