हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा मकारिम शिराज़ी ने ज़ायोनी अतिक्रमण और इस्लामी क्रांति के नेता के अपमान की कड़े शब्दो मे निंदा करते हुए बयान जारी किया है। जिसका पाठ इस प्रकार है
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
وَقَاتِلُوهُمْ حَتَّیٰ لَا تَکُونَ فِتْنَةٌ व क़ातेलूहु हत्ता ला तकूना फ़ितनतुन
प्रिय मातृभूमि पर कुछ दिन से ज़ायोनी अतिक्रमण जारी है जिसमे कई निर्दोष महिलाए और बच्चे भी शहीद हुए है।
ईरानी राष्ट्र अपनी पूरी एकता और एकजुटता और अल्लाह की मदद पर यकीन के साथ सुप्रीम लीडर की पूर्ण समर्थक और अनुसरण करने वाली है और सभी छोटे छोटे मुद्दो को इज़रायल के विनाश तक सहन करने की क्षमता रखता है। जैसा कि क़ुरआन मे है तो वह कभी आशा को अपने हाथ से जाने नही दते हैः إِنْ تَکُونُوا تَأْلَمُونَ فَإِنَّهُمْ یَأْلَمُونَ کَمَا تَأْلَمُونَ وَتَرْجُونَ مِنَ اللَّهِ مَا لَا یَرْجُونَ इन तकूनू तालामूना फ़इन्नहुम यालमूना कमा तालामूना व तरजूना मिनल्लाहे माला यरजूना अगर तुम बेआराम होते हो तो जिस प्रकार तुम बेआराम होते है उसी प्रकार वह भी बे आराम होते है और तुम अल्लाह से ऐसी ऐसी आशा रखते हो जो वो नही रख सकते और अल्लाह सब कुछ जानता है और बड़ी हिकमत वाला है। (सूर ए नेसा, आयत न 104)
यहा कुछ बातो का उल्लेख करना जरूरी समझता हूँः
1- सुप्रीम लीडर का अस्तित्व शियो बल्कि इस्लामी उम्मत के रक्षक की हैसीयत रखता है। हम इस मुद्दे मे बहुत हस्सास है और कोई भी बुद्धि रखने वाला मुस्लमान इस्लामी क्रांति के नेता को धमकी दी जाना सहन नही कर सकता। अतः सभी इस्लामी जगत के लिए ज़रूरी है कि वह जहा तक हो सके सुप्रीम लीडर का पूर्ण समर्थन और उनके अपमान की निंदा करे ताकि सब को पता चले कि दुनिया भर के राष्ट्र उनके मुकाबले मे खड़े है।
2- हमारी फौज जैसा कि अब तक दुशमन का डट कर मुकाबला कर रही है और दुशमनो का जीना दूबर कर रखा है इंशाल्लाह आगे भी दुश्मन को ऐसा सरप्राइज़ देगे ताकि वह कभी धमकीयो का सोच भी न सके।
3- निश्चित रूप से जो चीज़ तमाम मैदानो मे ग़ालिब है वह जनता और योद्धाओ का ईमान है अतः सभी लोग और मोमेनीन इन कठोर परस्थितियो मे अल्लाह तआला से अकेले और सामूहिक रूप मे दुआ करे और मासूमीन (अ) से तवस्सुल करे कि वह मुसलमानो और योद्धाओ की मदद करे क्योकि दुशमन चाहे किताना ही मज़बूत क्यो न हो लेकिन یَدُ اللَّهِ فَوْقَ أَیْدِیهِمْ यदुल्लाहे फ़ौक़ा ऐयदीहिम
वस्सलामो अलैकुम व रहमतुल्लाह
क़ुम, नासिर मकारिम शिराज़ी
आपकी टिप्पणी