हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 18 जून 2025 को अपने टेलीवीज़न संदेश मे ज़ायोनी दुश्मन के हालिया मूर्खतापूर्ण हमले के संबंध मे सम्मानीय ईरानी राष्ट्र , बहादुर और समय की पहचान पर आधारित व्यवहार को सराहते हुए इसे राष्ट्र के विकास और बुद्धि तथा मानवयत के इस्तेहकाम की निशानी बताया। उन्होने कहा कि ईरानी राष्ट्र थोपे गए युद्ध के मुक़ाबले मे मज़बूती से डट जाती है जिस तरह से वह थोपी हुई सुलह के खिलाफ़ भी डट जाएगी और यह राष्ट्र अपने निर्णय थोपने वालो मे से किसी के भी सामने नही झुकेगी।
सुप्रीम लीडर ने इस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति की धमकी भरे और मानबुद्धि वाली बातो की ओर संकेत करते हुए कहा कि वह बुद्धिमान लोग जो ईरानी राष्ट्र और ईरानी इतिहास से अवगत है, कभी भी इस राष्ट्र के साथ धमकी भरी भाषा मे बात नही करते क्योकि ईरानी राष्ट्र कभी भी घुटने टेकने वाली नही है और अमेरिका जान ले कि अमेरिका के किसी भी प्रकार का सैन्य हस्तक्षेप का नुक़सान निश्चित रूप से असहनीय होगा।
उन्होने अपने संदेश के आरम्भ मे ईद ए गदीर के दिन रैली निकालने और इसी तरह हाल के दिनो मे विशेष रूप से जुमा की नमाज़ के बाद जुलूस और रैलिया निकालने के ईरानी राष्ट्र की सराहना करते हुए दुश्मन के हमले के मुक़ाबले मे ईरानी टेलीवीजन की महिला एंकर के जबरदस्त और मानाख़ेज इक़दाम की ओर इशारा किया और कहा कि तकबीर कहना और राष्ट्र की शक्ति की निशानी पूरी दुनिया को दिखाना, एक ऐतिहासिक और बहुत ही मूल्यवान घटना है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस समय के हालात की ओर संकेत करते हुए जिसमे ज़ायोनी सरकार का मूर्खतापूर्ण हमला हुआ, कहा कि यह घटना उस समय मे हुई जब हमारे अधिकारी अमेरिका के साथ इंडायरेक्ट वार्ता कर रहे थे और ईरान की ओर से किस तेज, सख्त और फ़ौज़ी ऐक्शन की कोई निशानी नही थी।
उन्होने ज़ोर देकर कहा हालाकि शुरू से ही इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था कि अमेरिका ज़ायोनी सरकार की इस मूर्खता मे सम्मिलित रहा होगा और अमेरिकी अधिकारीयो के हालिया बयान से यह अंदाज़ा दिन प्रतिदिन मज़बूत हो रहा है।
इस्लामी क्रांति के नेता ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कि ईरानी राष्ट्र थोपे गए युद्ध, थोपी गई सुलह किसी भी बात के खिलाफ़ मज़बूती से डट जाती है, कहा कि अहले फिक्र व बयान एव कलम और आलमी राय आम्मा से जुड़े हुए लोगो से मेरी उम्मीद है कि वह इन बातो को बयान करेंगे, उनकी व्याख्या करेगे और दुश्मन को उसके धोखा धड़ी वाले प्रोपेगंडो के माध्यम से हकीकत को बदल कर पेश करने की अनुमति नही देंगे।
उन्होने इस बात पर ज़ोर देते हुए कि ज़ायोनी दुशमन ने एक बड़ी गलती और जुर्म किया है, कहा कि ज़ायोनी दुशमन को सज़ा मिलनी चाहिए और उसे सज़ा मिल भी रही है और ईरानी राष्ट्र और सशस्त्र बलो ने इस दुश्मन को जो सज़ा दी है और अभी दे रहे है और आगे के लिए भी उनकी योजना है, वह बहुत कठोर सज़ा है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ज़ायोनी सरकार के अमेरिकी दोस्तो का मैदान मे आना ही सरकार की कमज़ोरी और शक्तिहीन होने की निशानी बताया।
उन्होने इस प्रकार अमेरिकी राष्ट्रपति को धमकी भरा और मानबुध्दि वाली बातो की ओर संकेत करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक अस्वीकार्य बयान मे खुल कर ईरानी राष्ट्र से कहा कि वह सरेंडर हो जाएं लेकिन हम उनसे कहते है कि पहली बात तो यह कि धमकी उन लोगो को दो जो धमकी से डरते हो, ईरानी राष्ट्र तो इस आयत पर अक़ीदा रखती है कि "न तो थको और न ही ग़मगीन हो अगर तुम मोमिन हो तो तुम ही ग़ालिब व बरतर रहोगे।" और धमकी कभी भी ईरानी राष्ट्र के व्यवहार और सोच पर प्रभावित नही होती।
इस्लामी क्राति के नेता ने कहा कि दूसरी बात यह है कि ईरानी राष्ट्र से सेरेंडर होने की बात कहना, बुद्दिमानी की बात नही है और वह बुद्धिमान लोग जो ईरानी राष्ट्र और उसके इतिहास से परिचित है कभी भी अपनी ज़बान पर ऐसी बात नही लाते क्योकि ईरानी राष्ट्र कभी भी घुटने टेकने वाली नही है और वह किसी के भी अतिक्रमण के आगे नही झुकेगा।
उन्होने कहा कि अमेरिकी और इस क्षेत्र की राजनीति से अवगत लोग जानते है कि इस मुद्दे मे अमेरिका का कूदना सौ प्रतिशत उसके नुकसान मे होगा उसे चोट पहुचेगी, ऐसी चोट जिसका दर्द ईरान को पहुचनेवाली चोट से कही अधिक होगा।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि इस मैदान मे अमेरिका किसी भी प्रकार का सैन्य हस्तक्षेप अमेरिकीयो के लिए असहनीय नुकसान का कारण बनेगा।
उन्होने अपने संदेश के अंत मे ज़ोर देकर कहा कि निश्चित रुप से अल्लाह तआला ईरानी राष्ट्र और हक़ व हक़ीक़त के सफ़ल करेगा।
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