बुधवार 6 अगस्त 2025 - 23:53
इंटरव्यूः अरबईन ए हुसैनी;इमाम मेंहदी अ.ज.के ज़ुहूर की तैयारी है

हौज़ा / इस्फ़हान के इमाम ए जुमआ ने कहा बड़े पैमाने पर होने वाला अर्बईन-ए-हुसैनी का जुलूस इस्लामी उम्मत की एकता का प्रतीक है और सच्चाई को बातिल से पहचानने का एक माध्यम है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हुज्जतुल इस्लाम मोहम्मद क़ुदूसी ने हौज़ा न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में इमाम हुसैन (अ.स.) की ज़ियारत ख़ासकर अर्बईन की ज़ियारत के व्यक्तिगत प्रभावों के बारे में कई हदीसों का हवाला देते हुए इस ज़ियारत के सामाजिक फ़ायदों को गिनाया और कहा, हदीसों में इस ज़ियारत के व्यक्तिगत प्रभावों का ज़िक्र किया गया है, जैसे कि इमाम हुसैन (अ.स.) की ज़ियारत पर जाने का सवाब हज़ार हज और हज़ार शहीदों के बराबर है और यह ज़ायरीन के लिए बहुत सी बरकतें लेकर आती है। 

उन्होंने आगे कहा अर्बईन-ए-हुसैनी की ज़ियारत के सामाजिक प्रभाव न केवल इस्लामी उम्मत की एकता और इस्लाम के मोहम्मदी (स.ल.) नमूनों को उजागर करते हैं, बल्कि यह एक धार्मिक आंदोलन और यहाँ तक कि हक़ की तलाश का प्रतीक है, जो धार्मिक और मज़हबी सीमाओं से परे, दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पिछले कुछ सालों में, 3 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने इस जुलूस में हिस्सा लिया है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। 

इमाम-ए-जुमाआ ने कहा, इस जुलूस में मज़हब या मुसलमान होने का सवाल नहीं है, बल्कि यह हक़ का रास्ता है। जो लोग इस रास्ते पर चलते हैं, वे हक़ के हामी हैं, और हक़ के हामियों के लिए मुसलमान होना ज़रूरी नहीं है। जैसे कि आज पश्चिम में बहुत से लोग ग़ाज़ा के मज़लूम और ताक़तवर लोगों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं, यहाँ तक कि उन्हें परेशान किया जाता है और गिरफ़्तार किया जाता है। इसकी वजह भी हक़ की तलाश ही है। 

उन्होंने दूसरे धर्मों के अनुयायियों और यहाँ तक कि ग़ैर-धार्मिक लोगों के अर्बईन-ए-हुसैनी के जुलूस में शामिल होने का ज़िक्र किया और कहा, यह जुलूस इमाम-ए-ज़माना (अज) के ज़हूर की तैयारी है, क्योंकि इमाम हुसैन (अ.) और कर्बला के क़ियाम को पहचानना, दुनिया के लोगों को इमाम-ए-ज़माना (अज) की पुकार को स्वीकार करने के लिए तैयार करता है। 

हुज्जतुल इस्लाम क़ुदूसी ने अर्बईन-ए-हुसैनी के जुलूस के दौरान मुबल्लिग़ीन और बुद्धिजीवियों की भूमिका पर ज़ोर देते हुए कहा, आज का सोशल मीडिया हक़ीकत को सामने आने से रोकने की कोशिश कर रहा है, इसलिए मुबल्लिग़ीन को चाहिए कि वे इस मौक़े का फ़ायदा उठाकर लोगों को जागरूक करें, सच्चाई को समझाएँ और दुश्मनों के हाइब्रिड वॉर का मुक़ाबला करें। 

उन्होंने इराक़ के लोगों की मेहमाननवाज़ी की सराहना करते हुए कहा,इस बड़े जुलूस के मेज़बानों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना सभी ज़ायरीन का फ़र्ज़ है। इसलिए, अर्बईन-ए-हुसैनी का जुलूस इन मुद्दों के लिए एक बहुत ही कीमती और अच्छा मौक़ा है।

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