हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, निम्नलिखित रिवायत "बिहार अल अनवार" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی اللہ علیہ وآلہ:
ثَلاثُ دَعَواتٍ مُستَجاباتٌ لا شَكَّ فيهنَّ: دَعْوَةُ المَظْلومِ، وَ دَعْوَةُ المُسافِرِ، وَ دَعْوَةُ الوالِدِ عَلى وَلَدِهِ.
अल्लाह के रसूल (स) ने फ़रमाया:
तीन दुआएँ बिना किसी शक के कबूल की जाती हैं: मज़लूम की दुआ, मुसाफ़िर की दुआ, और बेटे के हक़ मे पिता की दुआ।
बिहार उल अनवार, भाग 74, पेज 84
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