हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत को "बिहार उल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله:
يا عَلِیُّ! الْمِيزَانُ مِيزَانُک وَالصِّرَاطُ صِرَاطُک وَالْمَوْقِفُ مَوْقِفُک وَالْحِسَابُ حِسَابُک
पवित्र पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:
ऐ अली! तराज़ू (कर्मों का तराज़ू) तुम्हारा तराज़ू है, सिरात (सीधा रास्ता) तुम्हारा रास्ता है, मौक़िफ़ (क़यामत का मैदान) तुम्हारा मैदान है, और हिसाब (का अमल) तुम्हारा हिसाब है।
बिहार उल अनवार, भाग 22, पेज 148
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