۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
शेख खालिदुलमला

हौज़ा / शेख खालिदुलमला ने जोर देकर कहा कि अगर आयतुल्लाहिल उज़मा सिस्तानी का जिहाद-ए-किफ़ाई का फतवा और अबू मेहदी अल-मोहंदिस और ईरानी भाइयों की शहादत ना होती तो पोप फ्रांसिस मुसिल की यात्रा नहीं कर सकते थे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार,  इराक उलमा काउंसिल के अध्यक्ष शेख खालिदुमला ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका नहीं चाहता था कि इराक फिर से एक स्वतंत्र राज्य बन जाए, क्योंकि पोप फ्रांसिस की यात्रा पर सुन्नी राजनीतिक नाराजगी अनुचित है।

उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस के साथ बैठक सुन्नी दीवान वक्फ के साथ मिलकर की गई थी।

शेख खालिदुलमला ने इस बात की ओर इशारा करते हुए कहा कि आयतुल्लाह सिस्तानी के समय पर और अनूठे रुख के कारण वेटिकन ने उनकी सराहना की, उन्होने कहा कि पोप फ्रांसिस की यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण बात आयतुल्लाह सिस्तानी के साथ उनकी मुलाकात थी।

इराक उलमा काउंसिल के प्रमुख ने जोर देकर कहा कि यदि आयतुल्लाह सिस्तानी का जिहादे किफाई का फतवा और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा शहीद होने वाले अबू महदी अल-मोहंदिस सहित हमारे इस्लामी गणतंत्र ईरान के भाइयों का बलिदान ना होता, तो पोप फ्रांसिस मूसिल की यात्रा नहीं कर सकते थे।

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