۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
दो नेताओ की भेट

हौज़ा / यदि वर्तमान युग के ईसाई, क्लिसाई (चर्च की) प्रणाली का पालन करने के बजाय, हज़रत ईसा की शिक्षाओं का पालन करते हैं और कुरान और बाइबिल (इस्लाम और ईसाई धर्म) की सामान्यताओं पर एकजुट हो जाऐे, तो न यह कि वर्तमान युग मे मानवीय मामलों में सुधार करने और मानवता के उद्धारकर्ता के प्रकट होने (ज़हूर के) लिए मार्ग प्रशस्त करने में भी मदद बल्कि इस्लाम और ईसाई धर्म की निकटता अधिक सुंदर और आकर्षक हो सकती है।

हौज़ा समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के प्रतिष्ठित धार्मिक विद्वान हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना ताक़ी अब्बास रिज़वी ने कहा कि फ्रांसीसी अख़बार की कतरनों के अनुसार, दुनिया के प्रमुख ईसाइयों के नेता पोप फ्रांसिस मार्च मे अपनी इराक यात्रा के दौरान शिया समुदाय के प्रसिद्ध विद्वान आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली हुसैनी सिस्तानी से भेट करेंगे। यह भेट इस अशांत समय में शांति और सुरक्षा और प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देने में सहायक हो सकती है।

उन्होंने कहा कि यह कहना सही है कि यदि वर्तमान युग के ईसाई, क्लिसाई (चर्च की) प्रणाली का पालन करने के बजाय, हज़रत ईसा की शिक्षाओं का पालन करते हैं और कुरान और बाइबिल (इस्लाम और ईसाई धर्म) की सामान्यताओं पर एकजुट हो जाऐे, तो न यह कि वर्तमान युग मे मानवीय मामलों में सुधार करने और मानवता के उद्धारकर्ता के प्रकट होने (ज़हूर के) लिए मार्ग प्रशस्त करने में भी मदद बल्कि इस्लाम और ईसाई धर्म की निकटता अधिक सुंदर और आकर्षक हो सकती है।

चिश्मे मूसा यही कहती है कि ए जलव-ए-तूर:
याद अब तक है वह अंदाज़े मुलाकात मुझे। ”

इस आशा और लालसा के साथ कि इस मुलाकात के बाद, अभिमानी जगत के दिलों में बाइबिल उतर आएगी।

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