हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना सैय्यद आसिफ अब्बास जै़दी ने कुरआन के सूरा-ए बक़रा की आयात का हवालह देते हुए कहा कि इस का मिस्दाक वसीम रिज़वी है।
سورۃ آل عمران:
اِنَّ الَّذِیۡنَ یَشۡتَرُوۡنَ بِعَہۡدِ اللّٰہِ وَ اَیۡمَانِہِمۡ ثَمَنًا قَلِیۡلًا اُولٰٓئِکَ لَا خَلَاقَ لَہُمۡ فِی الۡاٰخِرَۃِ وَ لَا یُکَلِّمُہُمُ اللّٰہُ وَ لَا یَنۡظُرُ اِلَیۡہِمۡ یَوۡمَ الۡقِیٰمَۃِ وَ لَا یُزَکِّیۡہِمۡ ۪ وَ لَہُمۡ عَذَابٌ اَلِیۡمٌ﴿۷۷﴾
जिसने दुनिया परस्ती और कुछ लोगों की हिमायत हासिल करने के लिए कुरआन मजीद के जिसके हर शब्द पर वही-ए इलाही का पहरा है। जिस किताब में किसी प्रकार के संदेह की कोई गुंजाइश नहीं उसमें तहरीफ साबित करने की कोशिश की है। लेकिन इस मलऊन को यह नहीं मालूम कि ना वो ना उस जैसा कोई भी कुरान मजीद की एक आयात या कुरान का एक शब्द कम या ज़्यादा नहीं कर सकता।
इस मलऊन की आकेबत वही होगी जो इस से पहले वालों की हुई है।
लिहाज़ा हम वसीम रिज़वी की निंदा करते हैं और बेज़ारी की घोषणा करते है।
समाचार कोड: 366592
13 मार्च 2021 - 19:55
हौज़ा / मौलाना सैय्यद आसिफ अब्बास जै़दी साहब ने कुरान की सूरा-ए- आले इमरान आयत नंबर 77 का हवाला देते हुए कहां की वसीम रिज़वी का इस्लाम और शिया से कोई ताल्लुक नहीं.