۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
انجمن محبان آل یاسین "طلاب نجفی ہاؤس" مقیم قم

हौज़ा/ हम अंजुमने मोहिब्बाने आले यासीन "नजफ़ी हाउस के छात्र" क़ुम से इस दुसाहस की कड़ी निंदा करते हैं और उलेमा-ए-दीन से अनुरोध करते हैं। कि इस मुद्दे का समाधान के साथ हल निकाला जाए। भारतीय सरकार से अनुरोध करते हैं, कि इंसान दिखाई देने वाले इस शैतान को लगाम लगाए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार,अंजुमने मोहिब्बाने आले यासीन "नजफ़ी हाउस के छात्रो ने क़ुम से दुसाहसी वसीम रिज़वी के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपने मज़म्मती बयान में कहां की कुरान करीम एक पवित्र किताब है जिसे छूने के लिए वज़ू की आवश्यकता होती हैं। ये आसमानी किताब हकीम है इसका एक एक शब्द हिकमत से खाली नहीं है। इसका तक़द्दुम और ताअख़्खुर हकीमाना हैं। इसका ज़ाहिर है इसका बातिन है इसमें किसी तरह की क्ज़ी(कमी) नहीं पाई जाती। यह हर गुमान और वहेम से दूर है। इसके हर बिंदा और हर शब्द पर वही के पहरे हैं इसमें किसी तरह की तहरीफ और कमी ज़्यादाती नहीं पाई जाती।

पवित्र कुरान ने हर दौर के लोगों को एक शब्द लाने की चुनौती दी है। आज तक किसी ने भी इसका जवाब नहीं दिया। यह प्रमाण है कि यह अल्लाह कि तरफ से नाज़िल होने वाली किताब हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के संदेश शामिल हैं जो मानवता के लिए एक मार्गदर्शक हैं। अब यदि कोई व्यक्ति है जिसका नाम वसीम रिज़वी है। जो कुरान पाक के खिलाफ मुंह खोले और ज़बान दराज़ी करे और कुरान पाक की कुछ आयतो को खारिज कर दे!
हम अंजुमने मोहिब्बने आले यासीन "नजफ़ी हाउस के छात्र" क़ुम से  इस दुसाहस की कड़ी निंदा करते हैं और उलेमा-ए दीन से अनुरोध करते हैं।कि इस मुद्दे का समाधान के साथ हल निकाला जाए और साथ ही साथ भारतीय सरकार से मांग करते है कि इंसान दिखाई देने वाले इस शैतान को लगाम लगाए।
मिंजानिब:अंजुमने मोहिब्बाने आले यासीन "नजफ़ी हाउस के छात्र" क़ुम ईरान

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