हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार,जामिया इमाम सादिक़ (अ.स.) जलालपुर अम्बेडकर नगर उ.प्र ने वसीम रिज़वी की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि एक बार फिर से औपनिवेशिक शक्तियों ने एक साजिश के साथ पवित्र धर्म पर हमला किया है। और इसकी बुनियाद यानी किताबे खुदा पर हमला किया है। ताकि इससे शरीफ इंसान को गुमराह किया जा सके चुँकि यह वह जमाना है जिसमें अल्लाह के पहचान नूरानी दरिया अपनी महानता के साथ, शरीफ इंसानों के दिमाग में रवा दवा है। 57 इस्लामी संगठन को स्पीड पोस्ट से भेजा जाने वाला एतेराज नामा जो बेहतरीन अरबी और इंग्लिश पर निर्धारित है बड़ी साज़िश का नतीजा है और इस्लामी संगठनों को खोखला करने का सबब है। मशहूर कट्टर इस्लामी दुश्मन वसीम रिज़वी इस्लाम का खुला हुआ दुश्मन है इस्लामी संगठनों का इसके समझने और दर्क से इसका क्या सौदा!
26 आयतें बहुत ज्यादा, एक शब्द का कुरान में कम या ज्यादा समझना मुर्ताद और काफिर होने के बराबर है। और अस्फलुस साफेलीन में जाने का सबब है। हम इस साजिश की निंदा करते हैं और आशा करते हैं कि उलेमाये इस्लामी इसका दलील के साथ जवाब देंगे।
संपादक:मौलाना डॉ. रईस हैदर साहब क़िबला जलालपुर,मौलाना कर्रार हुसैन तुराबी साहब जलालपुर मौलाना मुहम्मद रज़ी महदवी मौलाना शाहिद रज़ा साहिब जलालपुर।
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