۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
बॉम्बे हाईकोर्ट

हौज़ा / अदालत ने कहा, "धार्मिक अहकाम का पालन करना और जश्न मनाना महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है लोगों की रक्षा करना।" याचिका में मुस्लिम समुदाय को रमजान के दौरान मस्जिद में पांच वक़्त की नमाज अदा करने की अनुमति देने की मांग की गई थी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार,  बॉम्बे हाईकोर्ट ने रमजान के दौरान मस्जिदों में नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है, एक ट्रस्ट ने मस्जिदों में नमाज़ अदा करने के लिए उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी थी। कोर्ट के अनुसार, कोविड -19 की स्थिति बहुत गंभीर और खराब है। ऐसे में लोगों की सुरक्षा बेहद जरूरी है।

जस्टिस आरडी दानुका और वीजी बिष्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए हैं। अदालत ने कहा, "धार्मिक अहकाम का पालन करना और जश्न मनाना महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है लोगों की रक्षा करना।"अदालत जुमा मस्जिद ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में मुस्लिम समुदाय ने रमजान के दौरान मस्जिद में पांच वक़्त नमाज़ अदा करने की अनुमति देने की मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता ने कहा कि मस्जिद एक एकड़ में फैली हुई है और इसमें 7,000 लोग बैठ सकते हैं।

ज्ञात रहे कि कोविड-19 के मद्देनजर रमजान के दौरान एक बार में मस्जिद मे केवल 50 लोगों को अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा, सभी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।

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