हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,फ़िलिस्तीनयों के पाँच आंदोलनकारी संगठनों ने ख़त भेज कर ईरान के सुप्रीम लीडर की क़ुद्स दिवस पर स्पीच की सराहना की।
इन ख़तों में फ़िलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध का समर्थन करने और ज़ायोनी शासन को मान्यता न देने पर आधारित इस्लामी गणतंत्र ईरान और सुप्रीम लीडर के दृष्टिकोण को सराहा गया है और बल देकर कहा गया है कि क़ुद्स की आज़ादी तक प्रतिरोध जारी रहेगा और क़ुद्स दिवस पर सुप्रीम लीडर की स्पीच हक़ीक़त में फ़िलिस्तीन की आज़ादी का रोडमैप है।
फ़िलिस्तीन मुक्ति जनमोर्चा, फ़त्ह इन्देफ़ाज़ा आंदोलन, फ़िलिस्तीन जन प्रतिरोध मोर्चा और फ़िलिस्तीनी फ़ोर्सेज़ एलायंस ने इन ख़तों में इस्लामी गणतंत्र ईरान को इस्लामी देशों में एकता व प्रतिरो का ध्रुव बताया और फ़िलिस्तीन की आकांक्षाओं को नया जीवन देने वाले शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी को श्रृद्धांजलि पेश की।
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने 7 मई 2021 को विश्व क़ुद्स दिवस पर फ़ारसी और अरबी दो भागों पर आधारित अपनी स्पीच में, इस बात का ज़िक्र किया था कि प्रतिरोध फ़ोर्सेज़ की ताक़त व क्षमता बहुत बढ़ चुकी है। इसी तरह उन्होंने कहा था कि अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीनी इलाक़ों में ताक़त का संतुलन इस्लामी जगत के हित में बदल गया है।
सुप्रीम लीडर ने कहा था कि ज़ायोनी शासन दिन ब दिन पतन व विनाश की ओर बढ़ रहा है और इस क़ाबिज़ शासन से निपटने का तर्कपूर्ण रास्ता उस वक़्त तक प्रतिरोध को जारी रखना है जब तक वह फ़िलिस्तीनी इलाक़ों और उसके बाहर ऐसा रेफ़्रेन्डम कराने पर मजबूर न हो जाए जिससे फ़िलिस्तीन की राजनैतिक व्यवस्था की स्थापना की रूपरेखा तय हो।
ग़ौरतलब है कि हमास के पोलित ब्यूरो प्रमुख इस्माईल हनीया ने भी 10 मई 2021 को सुप्रीम लीडर के नाम अपने संदेश में फ़िलिस्तीन के संबंध में इस्लामी गणतंत्र ईरान की नीति की सराहना की थी और क़ुद्स के निवासियों के समर्थन और क़ाबिज़ ज़ायोनी शासन के अपराध को रुकवाने के लिए इस्लामी जगत से दो टूक स्टैंड लेने का आग्रह किया था।