हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " जवाहीर अलमतातिब" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلى الله عليه وآله وسلم
إِذَا جَمَعَ اللهُ الْأَوَّلِينَ وَالْآخِرِينَ يَوْمَ الْقِيَامَةِ وَ نَصَبَ الصّـِرَاطَ عَلَی جِسْرِ جَهَنَّمَ، مَا جَازَهَا أَحَدٌ حَتَّی كَانَ مَعَهُ بَرَاءَةٌ بِوَلَايَةِ عَلِيِّ بْنِ أَبِي طَالِبٍ
हज़रत रसूल अल्लाह (स.ल.व.व)ने फरमाया:
जब अल्लाह तआला अव्वलीन और आखरीन को कियामत के दिन जमा करेगा, और दोज़ख के ऊपर पुलेसिरात बना होगा तो उस पर से सिर्फ वही गुज़र सकेगा जिसके हाथ में जहन्नम की आग से निजात का परवाना यानी विलायती अली इब्ने अबी तालिब अलैहिस्सलाम का इजाज़त नामा होगा,
जवाहीर अलमतातिब,भाग 1,पेंज 88
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