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समाचार कोड: 366354
8 मार्च 2021 - 09:31
स्वर्ग

हौज़ा/ रसूले ख़ुदा(स.अ.व.व.) ने एक रिवायत में दूसरों को माफ करने का सवाब बयान किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित कथन को " कंजुल उम्माल" नामक पुस्तक से बयान किया गया है।

इस कथन का पाठ इस प्रकार हैंः

قال رسول اللہ صلی اللہ علیہ و آله وسلم

إِذا اوقِفَ الْعِبادُ نادی مُنادٍ: لِیَقُمْ مَنْ أَجْرُهُ عَلَی اللّه ِ وَ لْیَدْخُلِ الْجَنَّةَ. قیلَ: مَنْ ذَا الَّذی أَجْرُهُ عَلَی اللّه ِ؟ قالَ: الْعافُونَ عَنِ النّاسِ
 

क़ाला रसूलुल्लाहो सललल्लाहो अलैहे वा आलेहि वसल्लमः

इज़ा औक़िफ़ल इबादो नादि मुनादिनः लेयक़ुम मन अजरोहू अलल लाहे वल यदख़ोलिल जन्नता। क़ीलाः मनज़ल लज़ी अजरोहु अलल लाहे? क़ालाः अलआफ़ूना अनिन्नासे

रसूले ख़ुदा(स.अ.व.व.) ने फरमाया:

जब सेवक (बन्दे) अल्लाह के सामने खड़े होंगे, तो मुनादी (पुकारनेवाला) अवाज़ा देगा:
जो व्यक्ति अल्लाह के ऊपर मजदूरी रखता है वह उठकर स्वर्ग (जन्नत) में चला जाए। उस समय उत्तर दिया जाएगा: किसकी मज़दूरी अल्लाह के पास हैं।
जवाब होगा: "लोगों को माफ करने वालों की मजदूरी"


कंजुल उम्माल, हदीस नं. 7009

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