हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मनाक़ीबे इब्ने मग़ाज़ली " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلى الله عليه وآله وسلم
اذا کانَ یومُ القیامَة وَ نُصِبَ الصِّراطُ عَلی شَفیرِ جَهنّمَ لَم یَجُزْ اِلّا مَن مَعَهُ کِتابُ علیِّ بنِ ابیطالب
हज़रत रसूल अल्लाह (स.अ.व.व)ने फरमाया:
जब केयामत का दिन होगा और जहन्नुम के बीच में पुले सेरात नस्ब होगा तो किसी को उससे गुज़रने का हक नहीं होगा मगर वह जिसके पास अली इब्ने अबी तालिब अलैहिस्सलाम का इजाज़त नामा होगा,
मनाक़ीबे इब्ने मग़ाज़ली,पेंज 142