۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
مولانا سید بشیر حسین سرسوی نے داعی اجل کو لبیک کہا

हौज़ा/ ज़ाकिरे सैय्यद शोहदा मौलाना सैय्यद मुशीर हुसैन नक़वी सरसी इस दारे फीनी से दारे बका की तरफ कुच कर गयें.

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ज़ाकिरे सैय्यद शोहदा मौलाना सैय्यद मुशीर हुसैन नक़वी सरसवी इस  दारे फीनी से दारे बका की तरफ कुच कर गयें.

मौलाना सैय्यद रज़ी जै़दी भंदेड़ीवी दिल्ली ने खबर देते हुए कहा कि मौलाना मरहूम उस अखलाक और कामों मिल्लत की खिदमत गुज़ार थे.
जब भी कोइ उससे मिलता था, उसके साथ हमेशा प्यार और हँसी का व्यवहार किया जाता था। मौलाना सुरसी जिला, संभल , यूपी के मज़हबी और दीनदार खानदान से था.
मौलाना ने शुरुआती तालीम अपने वतन सिरसी में हासिल की और फिर उसके बाद कनोदर, गुजरात का रुख किया और हौज़ाये इल्मिया इमामे हसन आस्करी अलैहिस्सलाम में शुरुआती तालीम हासिल की उसके बाद वे मदरसा नाज़िमिया लखनऊ गए और वहाँ रहे और प्रख्यात शिक्षकों की मदद से अपनी शैक्षिक यात्रा जारी रखी। और मदरसे की आखरी सनद,, मुमताज अल आफाज़ल,, हासिल करने के बाद अपने शिक्षा के खत्म करने के बाद मुल्के शाम का सफर तय किया.
और सैयदा ज़ैनब के शहर में रहने के दौरान, आपने बड़े और महान उलेमा से फिक़, उसूल जैसी किताब पढ़ी. और फिर अपने वतन हिंदुस्तान लौट कर आए.
और फिर भारत लौटने के बाद, वह विश्वासियों को शिक्षा देने, उपदेश देने और सेवा करने में लगे रहे।
मृतक अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली आया था। वह रात में अचानक तबीयत खराब हो गई . और आपकी दिल्ली में ही मृत्यु हो गई. आपके शौक को सिरसी ले जाया जा चुका है.
मौलाना की दुनिया से जाने की खबर, मां, बाप ,भाई बहन, बीवी, औलाद, दोस्त ,अहबाब, रिश्तेदार, और कामों मिल्लत को बहुत तकलीफ देती है.
क्योंकि अलिमे दीन की मौत एक ऐसी आफत है
जिस का एज़ाला नहीं जा सकता है और एक खला  है जिसे भरा नहीं जा सकता है. गोया की एक सितारा था जो गिर पड़ा उनकी मौत पर लोगों को बहुत अफसोस हुआ.
स्वर्गीय एक धार्मिक विद्वान था, इसलिए धार्मिक विद्वान हमेशा जीवित रहता है, भले ही वह दुनिया छोड़ देता है.
अंत में, मैं उनके परिवार, विशेषकर उनके भाई, बहन, पत्नी और बच्चों के प्रति अपनी संवेदना प्रस्तुत करता हू़ं। अल्लाह से दुआ करता हूं मरहूम की मगफिरत और घर वालों को सब्र अता करें.

मौलाना को आज शाम 5:00 बजे दफन किया जाएगा एक सूरह फातिहा की गुजारिश है.

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