हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा नूरी हमदानी ने क़ुम में अपने कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. अब्दुल रज़ा रहमानी फ़ाज़ली के साथ एक बैठक के दौरान कहा: लोगों की वर्तमान जीवन स्थिति बहुत चिंताजनक है। शासकों को समझना चाहिए कि असल जनता ही है और उन्हें चाहिए कि उनकी क़दर करेए। हमें दुश्मनों की अपवित्र योजनाओ के खिलाफ सतर्क रहने की जरूरत है।
राज्य मंत्री के साथ बैठक के दौरान पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) की महानता व्यक्त करते हुए आयतुल्लाह हमादानी ने कहा:सूर-ए-अलक़ से जो चीज़ समझ मे आती है वह इस नबी अकरम को मबऊस करने का एजाज़ और मानव की महानता है ।
आज के समाज में शासकों की ज़िम्मेदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा: "आज, जो लोग सरकारी पद रखते हैं, उन्हें खुद को लोगों के प्रति जवाबदेह समझना चाहिए और केवल लोगों की सेवा करने के लिए चिंतित होना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि शासकों को इस स्थिति और जिम्मेदारी को एक विश्वास के रूप में मानना चाहिए और इस अवसर का पूरा लाभ उठाकर लोगों की सेवा करनी चाहिए।
हज़रत आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने हज़रत अमीरुल मोमिनीन (अ.स.) द्वारा मालिके अशतर को लिखे गए पत्र का ज़िक्र करते हुए कहा: कभी मत भूलिए कि असल जनता ही हैं। ये वे लोग थे जिन्होंने आठ साल तक युद्ध में हिस्सा लिया और ये लोग कल के चुनावों में भी भाग लेंगे, इसलिए जितना संभव हो उनकी सेवा करें।
मुद्रास्फीति और आर्थिक समस्याओं की वर्तमान स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए, आयतुल्लाहिल उज़मा नूरी हमादानी ने कहा: "आशीर्वाद की प्रचुरता (नेमतो की फरावानी) और लोगों के उदार शासक का अस्तित्व किसी भी अच्छे समाज की आवश्यकता होती है।" गरीबी, उत्पीड़न और अज्ञानता किसी भी देश और सरकार के लिए एक संकट है।
हज़रत आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने शासकों से अपने दुश्मनों खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका, ज़ायोनीवाद और सऊदी अरब के नापाक इरादों के खिलाफ सतर्क रहने की माँग की।