हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन रसूल फलाहती ईरान के शहर रशत में सूरह कयामत की आयत नंबर 35 से 40 तक की तफ्सीर और तर्जुमा बयान करते हुए कहां, (क्या वह इंसान रहेम में डाले जाने वाला नुत्फा नहीं था) फिर वह इंसान नुत्फे से जमे हुए खून में तब्दील हुआ, उस वक्त अल्लाह तआला ने इसे खलक किया और बराबर किया, फिर इसे दो लिंग पुरुष और महिला को करार दिया, क्या वह अल्लाह ताला इस बात पर कादिर नहीं है कि मुर्दों को दोबारा जिंदा कर सके?
उन्होंने आगे कहा कि अल्लाह ताला सूरह कयामत में फरमाता है कि इसकी ताकत और कुदरत और कयामत हक़ हैं जो कि आके रहेंगी,
शहरे रूशत के इमामें जुमआ ने कहा,अल्लाह ताला सूरह कयामत में फरमाता है उनकी शक्ति और ताकत और क़ियामत ही सच्चाई है जो आने वाली है।
उन्होंने आगे कहा, इस बात का सबको यकीन करना चाहिए कि अल्लाह ताला कयामत के दिन मुर्दों को दोबारा जिंदा करेगा,
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन रसूल फलाहती ने कहां, अल्लाह ताला चाहता है इंसान को मालूम हो कि मनुष्य को पता चले कि ईश्वर सत्य है, वह मृतकों को फिर से जीवित करेगा और वह सब कुछ करने में सक्षम है। वह घड़ी अवश्य आएगी। इसमें कोई संदेह नहीं है और परमेश्वर उन सभी को पुनर्जीवित करेगा जो कब्रों में सोए हुए हैं।
उन्होंने अंत में कहा कि ईमान सबब बनता है कि इंसान कयामत के दिन का इंकार ना करें!