۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
सैय्यद मुहम्मद रिज़वी

हौज़ा / हज़रत इमाम खुमैनी (र.अ.) ने अल्लाह पर भरोसा करके 2500 साल पुरानी राजशाही को उखाड़ फेंका, इस्लामिक क्रांति उत्पीड़ित और शोषित लोगों और राष्ट्रों के लिए आशा की किरण साबित हुई।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हजरत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद मोहम्मद सादिक रिजवी ने ईरान की इस्लामी क्रांति की 43 वी वर्षगांठ के अवसर पर इमाम रजा (अ.स.) प्रचार केंद्र में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लामी क्रांति उत्पीड़ित और शोषित लोगों और राष्ट्रों के लिए आशा की किरण है।

इमाम रज़ा (अ.स.) के प्रचार केंद्र के प्रमुख ने कहा कि ईरान की इस्लामी क्रांति मुस्लिम राष्ट्रों के लिए एक आदर्श है। आज दुनिया भर में अहंकार के खिलाफ आंदोलन ईरान की इस्लामी क्रांति के कारण हैं।

मौलाना ने लोगों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि 11फरवरी इस्लामी क्रांति का दिन मुस्लिम राष्ट्रों के लिए गर्व का दिन है। हज़रत इमाम खुमैनी (र.अ.) ने दुनिया को शुद्ध इस्लाम मुहम्मदी का व्यावहारिक चेहरा दिखाया। हजरत इमाम खुमैनी (र.अ.) का अनुसरण करके मुस्लिम शासक दुनिया में अपनी खोई हुई जगह वापस पा सकते हैं।

इस कार्यक्रम में विद्वानों और लोगों के अलावा बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया।

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