۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
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हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने ईरान में प्राकृतिक संसाधन सप्ताह व वृक्षारोपण दिवस पर रविवार को दो पौधे लगाए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने ईरान में प्राकृतिक संसाधन सप्ताह व वृक्षारोपण दिवस पर रविवार को 2 पौधे लगाए।
पौधे इस्लामी क्रांति के लीडर ने फलदार पेड़ के दो पौधे लगाने के बाद, बोलते हुए ईरानी क़ौम को शहीदों के सरदार इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की पैदाइश की मुबारकबाद पेश की। उन्होंने कहा कि ईरानी क़ौम और शिया सुन्नी सहित पूरी मुसलमान क़ौम इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम से इश्क़ करती है।

सुप्रीम लीडर ने वृक्षारोपण को इंक़ेलाबी और दीनी काम बताते हुए कहा कि “पेड़ों की देखभाल और रक्षा भी बहुत अहम काम है जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।”

आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनई ने हरे-भरे पेड़ों को इंसानी जिस्म की हिफ़ाज़त करने और रूह को सुकून देने का ज़रिया बनने के अलावा पूरी इंसानियत के लिए अल्लाह की ओर से रोज़ी का स्रोत क़रार दिया। इस्लामी इंक़ेलाब के लीडर ने ज़ोर देते हुए कहाः “इसी वजह से जंगलों की कटाई, पर्यावरण व हरियाली को नुक़सान, राष्ट्रीय हितों को नुक़सान पहुंचाने जैसा है और निर्माण के लिए जंगल के किसी भाग को तबाह करना पूरी तरह राष्ट्रीय हित के ख़िलाफ़ है सिवाय उस स्थिति के जब कोई एमरजेन्सी की हालत पेश आ जाए।”

आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनई के अनुसार पर्यावरण को सेकेंड्री दर्जा देना या इसे महज़ सजावटी चीज़ मानना ग़लत है, उनका कहना था कि पर्यावरण मुल्क की बुनियादी ज़रुरतों में है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए ठोस उपायों में मुल्कों के पानी और मिट्टी जैसे बुनियादी संसाधनों की रक्षा और इनके ग़लत इस्तेमाल से परहेज़ शामिल है। सुप्रीम लीडर ने कहा कि इस संबंध में अधिकारियों को एक्सपर्ट के निर्देश पर ध्यान देना चाहिए।

आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने वन-जीव की रक्षा को भी अहम बताया और इस ओर से लापरवाही को राष्ट्रीय हित के ख़िलाफ़ क़रार दिया। उन्होंने कहाः “इस्लाम में सिर्फ़ खाने की ज़रूरत के वक़्त शिकार की इजाज़त है इसके अलावा इजाज़त नहीं है, यहाँ तक शिकार के सफ़र को हराम कहा गया है, इसलिए ग़ैर क़ानूनी शिकार पर लगाम को गंभीरता से लिया जाए और वन्य-जीव की रक्षा की कोशिश की जाए।”

आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने खेती की ज़मीन को दूसरे कामों के लिए इस्तेमाल किए जाने पर रोक लगाने पर ज़ोर दिया और कहा कि “यह काम राष्ट्रीय हित के ख़िलाफ़ है बल्कि ज़रूरी है कि खेती की ज़मीन का दायरा बढ़ाया जाए।”

आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने इसी तरह पाक ऊर्जा के संसाधनों के विकास पर ताकीद करते हुए कहाः न्यूक्लियर एनर्जी और सोलर व विन्ड एनर्जी में विकास पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए क्योंकि दुनिया में इसका इस्तेमाल दिन ब दिन बढ़ रहा है और विकासशील देश इसकी ओर रुख़ कर रहे हैं।

सुप्रीम लीडर ने आख़िर में एक एक शख़्स से पौधा लगाने और उसकी रक्षा की अपील करते हुए कहाः सारे अहम कामों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जनता के सपोर्ट की ज़रूरत होती है और पौधा लगाना भी उन्हीं कामों में है। सभी लोग पौधा लगाकर, पेड़ों की रक्षा करके, शहर के अंदर और बाहर बाग़ों को कटने से बचाकर देश में हरियाली के फैलाव में मदद करें।

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