हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , लखनऊ/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर शिया समुदाय के द्वारा आज ताबूत का जुलूस सिसकियों और आंसुओं के साथ निकाला गया। 19 रमज़ान 40 हिजरी को हज़रत अली अ०स० को मस्जिदे कूफा में इब्ने मुलजिम के द्वारा ज़र्बत मार कर ज़ख्मी कर दिया गया था। 2 दिन बाद 21 रमज़ान की सुबह हज़रत अली अलैहिस्सलाम की शहादत हो गई थी।
हज़रत अली अलैहिस्सलाम के चाहने वाले हज़रत अली अलैहिस्सलाम की याद में 21वीं रमज़ान को ताबूत का जुलूस गमज़दा माहौल में निकालते हैं। शनिवार की सुबह की नमाज़ के बाद सआदतगंज स्थित शबीहे नजफ़ में मौलाना यासूब अब्बास ने हज़रत अली की शहादत का मंज़र बयान किया तो वहां मौजूद हज़ारों गमज़दा अज़ादार अपने आंसू रोक नहीं पाए। मुख्तसर मजलिस के बाद अज़ादार हज़रत अली अलैहिस्सलाम के ताबूत को अपने कंधों पर लेकर या अली मौला हैदर मौला की सदाओं के साथ आगे बढ़े और चाहने वालों ने काफी देर तक उनकी याद में मातम किया। मातम के बाद हज़रत अली के ताबूत को सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
आपको बता दें कि पिछले 2 सालों से कोरोना वायरस की वजह से कोई भी जुलूस नहीं निकाला गया था लगातार दो साल के बाद आज हज़रत अली के ताबूत का जुलूस गमज़दा माहौल में कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया। 21वीं रमज़ान के जुलूस को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए पुख्ता इंतेज़ाम पहले से ही कर लिए थे। करीब 5 किलोमीटर लंबे जुलूस के मार्ग पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों को लगाया गया था। जुलूस के रास्ते पर पड़ने वाली ऊंची इमारतों की छतों पर भी पुलिस कर्मी मुस्तैद नज़र आए। इसके अलावा ड्रोन कैमरों से भी जुलूस पर नज़र रखी जा रही थी। सुरक्षा के लिहाज़ से 50 से ज़्यादा स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों को भी लगाया था इन सीसीटीवी कैमरों में पल-पल की तस्वीरें कैद हो रही थी। जुलूस के रास्ते पर कई जगह सिविल डिफेंस के लोग भी हमेशा की तरह मुस्तैद रहे।
जुलूस शुरू होने से पहले ही नगर निगम की तरफ से जुलूस के पूरे मार्ग पर सफाई का विशेष का ध्यान रखा गया था। जुलूस के रास्ते पर पड़ने वाली तमाम गलियों पर बैरिकैंडिग लगाई गई थी । ताकि जुलूस के समय कोई भी वाहन जुलूस के रास्ते पर न आ सके।