۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
फ़राज़ आज़मी

हौज़ा / अल्लाह की यह आखिरी किताब साहेबाने अक़्ल के लिये हिदायत हैं। और वह इस किताब का रक्षक भी है। जिनके दिल में कजी(डेढापन) हैं और जिनके दिमाग में कमी हैं उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है। कुरान उन्हें कीड़ों मकोड़ों से भी बदतर मानता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अल्लाह की यह आखिरी किताब बुद्धिमानो के लिए एक मार्गदर्शक है और वह इस किताब का रक्षक भी है। जिनके दिल में कजी हैं और जिनके दिमाग में कमी हैं उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है।  कुरान उन्हें कीड़ों मकोड़ों से भी बदतर मानता है।

कुरान तो क्या ऐसे लोगों को तो कायनात और न ही खुद का वोजुद समझ में आता है। कभी-कभी इन लोगों को अपने खूनी रिश्ते भी समझ में नहीं आते। कुरान इन जैसों से ना ही बात करता है और ना ही अपने करीब आने की अनुमति देता है।
कुरान में ऐसी ही मूर्खतापूर्ण बात करने वालों के उदाहरण मौजूद हैं जिनकी कोई हैसियत नहीं है। उसकी क्या औकात जो कुरान के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहा है। वह मुशरेकीन जो अपने ज़माने में बड़े बड़े मशहूर लेखक थे। जब कुरान की आवाज़ उनके कानों तक पहुंचती तो वह भी अल्लाह के वचन का पाठ करते दिखाई दिए! क्योंकि कुरान बुद्धिमानों के लिए है। और जो भी कुरान के खिलाफ बोलेगा निश्चित रूप से वो अक़ल और शोउर से खाली होगा।  वसीम रिज़वी मलऊन के इस दुसाहस ने आज साबित कर दिया।
याद रखेंये जिस व्यक्ति का संबंध कुरानी शिक्षाओं से दूर दूर तक नहीं होता, वो इस प्रकार का दुसाहस करता हुआ नज़र आयेगा।
लिहाज़ा कुरान और अहलेबैत से जो मिला रहेगा उसकी दुनिया और आखिरत दोनों कामयाब होगी। हम इस विचारधारा की कड़ी निंदा करते हैं और उम्माते मुस्लिमा से अपील करते हैं। कि इसके खिलाफ आवाज़ उठाये ताकि कोई भी अभद्र व्यक्ति इस तरह का दुसाहस करने का साहस न करे।
अंत में, अल्लाह हम सभी को कुरान और अहलबैत(अ.स.) के मार्ग पर चलने और अमल करने कि तौफिक अता फरमाए। अमीन

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