۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
मौलाना मीसम नक़वी

हौज़ा / मौलाना मीसम नक़वी ने मोमेनीन और तमाम मुसलमानो से ये गुजारिश की है कि इस दिन सऊदी हुकुमत के इस गंदे और घिनोने काम की मुखालेफत करें और सऊदी अरब से जन्नतुल बकी के मज़ारो की दुबारा तामीर की मांग करें|

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य के विदर्भ में अमरावती आज इमामे जुमा मौलाना मीसम नक़वी ने खुत्बा ए नमाज़े मे जुमा ये ऐलान किया कि योमे क़ुद्स की तरह ही जन्नतुल बक़ी (मदीना का क़ब्रिस्तान) की शहादत के दिन को भी मनाया जाऐगा ताकि दुनिया ये जान ले कि सऊदी अरब की ग़ासिब हुकुमत ने जनाबे फातेमा और दीगर असहाब और अहलेबैत के रोज़ो को तोड़ कर ये साबित कर दिया है कि ये लोग किसी भी तरह से मुसलमान नही हो सकते|

रोज़े जुमा को मौलाना ने मोमेनीन और तमाम मुसलमानो से ये गुजारिश की है कि इस दिन सऊदी हुकुमत के इस गंदे और घिनोने काम की मुखालेफत करें और सऊदी अरब से जन्नतुल बकी के मज़ारो की दुबारा तामीर की मांग करें|
ग़ौर तलब है कि जन्नतुल बक़ी (मदीना का क़ब्रिस्तान) मे बहुत से असहाबे रसूल और अहलेबैत की कब्रे है जिन के नाम ये है़:
1. जनाबे फातेमा ज़हरा (स.अ.) 11 हिजरी

2. इमाम हसन अलैहिस्सलाम 50 हिजरी

3. इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम 94 हिजरी

4. इमाम मौहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम 114 या 116 हिजरी

5. इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम 148 हिजरी

6. जनाबे इब्राहिम इब्ने रसूले खुदा (स.अ.व.व)

7. जनाबे मौहम्मदे हनफया इब्ने इमाम अली (अ.स) 80 हिजरी

8. जनाबे फातेमा बिन्ते असद

9. जनाबे अक़ील इब्ने अबुतालिब

10. जनाबे अब्दुल्लाह इब्ने जाफर इब्ने अबुतालिब 80 हिजरी

11. जनाबे इस्माईल इब्ने इमाम सादिक़

12. जनाबे अब्बास इब्ने अब्दुल मुत्तलिब 33 हिजरी

13. जनाबे सफीया बिन्ते अब्दुल मुत्तलिब

14. जनाबे आतेका बिन्ते अब्दुल मुत्तलिब


रसूले अकरम की बीवीया
15. जनाबे जैनब बिन्ते खज़ीमा 4 हिजरी

16. जनाबे रिहाना बिन्ते ज़ुबैर 8 हिजरी

17. जनाबे मारीया क़िब्तिया 16 हिजरी

18. जनाबे ज़ैनब बिन्ते जहश 20 हिजरी

19. उम्मे हबीबा बिन्ते अबुसुफयान 42 हिजरी

20. हफ्सा बिन्ते उमर 50 हिजरी

21. आयशा बिन्ते अबुबकर 57 या 58 हिजरी

22. जनाबे सफीया बिन्ते हई बिन अखतब 50 हिजरी

23. जनाबे जुवेरीया बिन्ते हारिस 50 या 56 हिजरी

24. जनाबे उम्मे सलमा 61 हिजरी

तारीखी किताबो मे मिलता है कि इन हज़रात के अलावा भी दूसरे सहाबा, ताबेईन और आले मौहम्मद की कब्रे भी जन्नतुल बक़ी मे मौजूद है।


लेकिन अफसोस के साथ कहना पढ़ता है कि आले सऊद की जो अस्ल मे खैबर के यहूदीयो की एक शाख़ है' ने 8 शव्वाल 1343 मुताबिक़ मई 1925 को इस अज़ीम क़ब्रिस्तान मे बनी हुई तमाम गुम्बदो और रोज़ो को शहीद कर दिया।

हम लोग इंशा अल्लाह 8 शव्वाल बरोज़ मंगल आले सऊद के खिलाफ अहतेजाज करेंगें

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