हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तहज़िबुल अहकाम " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الکاظم علیه السلام
رَجَبٌ نَهرٌ فِي الجَنَّةِ ، أَشَدُّ بَياضا مِنَ اللَّبَنِ وَأَحلَى مِنَ العَسَلِ ، مَن صامَ يَوما مِن رَجَبٍ سَقاهُ اللّهُ مِن ذَلِكَ النَّهرِ
हज़रत इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
रजब बहिशत में एक नहर का नाम है, जो दूध से ज़्यादा सफेद और शहद से ज़्यादा मीठी हैं जो आदमी माहे रजब में एक दिन रोज़ा रखेगा तो अल्लाह तआला इसे इस नहर से सीराब करेगा,
तहज़िबुल अहकाम ,भाग 4,पेंज 306,हदीस 924