۳۱ اردیبهشت ۱۴۰۳ |۱۲ ذیقعدهٔ ۱۴۴۵ | May 20, 2024
मजलिस

हौज़ा/मुजफ्फनगर तिस्सा सादात में अशरा ए सानी की दसवीं मजलिस को सम्बोधित करते हुए मौलाना ने कहा, आज जो इस्लाम मौजूद है यह कर्बला वालों का एहसान है इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपने 72 साथियों का बलिदान पेश करके इस्लाम को बचाया

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मुजफ्फनगर तिस्सा सादात में अशरा ए सानी की दसवीं मजलिस को  सम्बोधित करते हुए कश्मीर से आए शिया धार्मिक विद्वान मौलाना ग़ुलाम रसूल नूरी साहब ने कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने 61 हिजरी 10 मोहर्रम को अपनी और अपने भाई, भतीजों, बेटो, दोस्तों कि बड़ी कुर्बानी देकर कर्बला की जंग जीत ली यजीद जो एक आतंकवादी और शाम (सीरिया)ज़ालिम बादशाह था।

वो अपनी सत्ता के नशे में चूर होकर इस्लाम को ख़त्म करना चाहता था इस्लाम के बानी हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम से अपनी बेयत मांग रहा था मगर इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने यज़ीद की बेयत को खुले शब्दों में इनकार किया और कहा के मुझ जैसा तुझ जैसे कि कभी बैयत नहीं कर सकता और आप ने अपना वतन मदीना छोड़ दिया।

इमाम हुसैन जब 28 रजब 60 हीजरी को अपने घर वालों को लेकर निकल रहे थे तो आप की ज़बान पर यह शब्द थे कि मैं अपने नाना हज़रत मोहम्मद साहब के समुदाय (उम्मत) की सुधार की खातिर अपना वतन मदीना छोड़ रहा हूं मौलाना ग़ुलाम रसूल नूरी ने कहां हुसैन मदीना से कर्बला इराक़ में आ गए वहा जाकर आप ने ज़मीन खरीदी और  यजीद के 10 लाख के लश्कर का अपनी जागीर में तीन दिन की भूक पियास के आलम में डटकर कर मुक़ाबिला किया और इस्लाम को बचाया।

मौलाना ने मज़ीद कहा कि इमाम हुसैन की 10 मोहर्रम को शहादत के बाद आपकी बहन जनाब ए जैनब स.ल. आपके बेटे हज़रत इमाम जैनुल आबेदीन और घर की सभी महिलाओं बच्चो को कर्बला से क़ैद  करके कूफा़ व शाम ले जाया गया इमाम सज्जाद और जनाब ए जैनब ने इस्लाम की प्रशंसा करते हुए लोगों को जागरूक किया जिनको यजीद ने गुमराह कर रखा था ।


यजीद के इरादों को इन्होंने नाकाम कर दिया इसी की याद में 1400 साल से आज तक हर धर्म का इन्सान इमाम हुसैन की याद मनाता है, अंत में मौलाना ने इमाम हुसैन अ.स.की चार साल की बेटी जनाबे सकीना के मसायब पढ़ें तो उपस्थित लोग तड़प तड़प कर रोने लगें।

मौलाना के बाद अंजुमन ए अब्बासिया तिस्सा और अंजुमन ए काजमी जोली ने नोहाखवानी और मातम किया और इसके बाद जुलूस हुसैनी चौक से निकलता हुआ कर्बला की तरफ़ रवा दवा हुआ चौक से लेकर कर्बला तक सुन्नी समुदाय के लोगों ने सबील का इंतजाम किया ,मजलिस में  मुजफ़्फ़रनगर, मेरठ, सहारनपुर, बिजनौर और अधिक जगह से लोग आए।


मजलिस में  सुन्नी समुदाय के बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे  पूर्व प्रधान शाहनज़र अली, पूर्व प्रधान प्रत्याशी नवेद अहमद, पूर्व प्रधान प्रत्याशी महबूब अली, शमीम अहमद मलिक,अखलाक अहमद, ज़हीर कुरैशी नईम कुरैशी, नसीर अहमद अंसारी, मंगता अंसारी, आदी।

अंजुमन अब्बासिया के अध्यक्ष सैय्यद जावैद अब्बास जै़दी ने कहा हम सुन्नी समुदाय के लोगों का शुक्रिया अदा करते हैं कि इन्होंने मुहर्रम में हमारे साथ बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, और इसी के साथ सैय्यद जावेद ज़ैदी ने पुलिस प्रशासन की भी प्रशंसा और तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।


इस पूरे कार्यक्रम की निज़ामत पत्रकार अतश करबलाई ने की।

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