۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
अख्लाक

हौज़ा/रूहानियत और अख़लाक़ के मैदान में उसूल परस्त बनिए कुछ लोग ख़्याल करते हैं कि यूनिवर्सिटी का मतलब ऐसा माहौल जहाँ दीन की पाबंदी, मज़हब व अख़लाक़ वग़ैरह की पाबंदी ज़रूरी नहीं है मुनासिब नहीं हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,रूहानियत और अख़लाक़ के मैदान में उसूल परस्त बनिए यूनिवर्सिटी का माहौल, जवानों का माहौल होने की वजह से पाक माहौल होना चाहिए।

कुछ लोग ख़्याल करते हैं कि यूनिवर्सिटी का मतलब ऐसा माहौल जहाँ दीन की पाबंदी, मज़हब व अख़लाक़ वग़ैरह की पाबंदी ज़रूरी नहीं है मुनासिब नहीं हैं।

यह उस ग़लती की वजह से है जिसकी बुनियाद शाह के दौर में यूनिवर्सिटी क़ायम करने के आग़ाज़ में ही पड़ी उस वक़्त जिन लोगों ने यूनिवर्सिटी क़ायम की उनका दीन रूहानियत और अख़लाक़ पर कोई ईमान नहीं था वो पश्चिम के पुजारी और पश्चिम के अख़लाक़ी उसूलों के दीवाने थे अलबत्ता यह दीवानगी ज़ाहिरी सतह पर थी अस्ल में उनमें कुछ पश्चिम के एजेंट थे।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .