۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
हिजाब

हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,हमें उम्मीद है कि हमारे समाज की लड़कियां और औरतें हज़रत ज़ैनबे कुबरा के आदर्श पर विचार करेंगी और इस आदर्श में अपनी पहचान बनाएंगी

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने फरमाया,सभी रूहानी व आध्यात्मिक मूल्यों को परिवार के जोश और उत्साह से भरे केंद्र के अंदर से जिसकी धुरी घर की ख़ातून हैं।
इस मरकज़ की हेड व संचालक, प्रेम और मुहब्बत की वह पैकर हैं बाहर निकाल कर रूहानियत को समाज की सतह पर फैलाया जा सकता है।
हमें उम्मीद है कि हमारे समाज की लड़कियां और औरतें हज़रत ज़ैनबे कुबरा के आदर्श पर विचार करेंगी और इस आदर्श में अपनी पहचान और शख़्सियत को देखेंगी, बाक़ी चीज़ें ज़्यादा अहम नहीं हैं।

अगर किसी इंसान की अपनी शख़्सियत में अज़मत, नूर और पारदर्शिता पैदा हो जाए तो इसके मुक़ाबले में सब कुछ ग़ैर ज़रूरी हो जाता है और उसे सभी कामों के लिए ताक़त मिल जाती हैं।
औरत को एक बनावटी और दिखावटी पोज़ीशन की ज़रूरत नहीं है, ऐसी पोज़ीशन जो उसकी शान और रूहानी शांति से कहीं कम है।
क़ुदरत ने औरत में इतनी नज़ाकत, सुंदरता और प्रेम रखा है कि वो अपने आपको भी और अपने आस-पास के माहौल को भी - चाहे वो घर के अंदर हो या किसी दूसरे माहौल में हो - रूहानियत, तरक़्की और इल्म व अमल के ऊँचे दर्जों तक ले जा सकती है, आगे बढ़ा सकती है।

इमाम ख़ामेनेई,

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