हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अमलो, मुबारकपुर, आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश )/ मजमा ए उलेमा वा वाएज़ीन पूर्वांचल हिंदुस्तान ने मुजफ्फरपुर बिहार के एक प्रमुख कार्यकर्ता मौलाना सैयद शबीब काजिम की गिरफ्तारी की निंदा की, जिसका पूरा पाठ इस प्रकार है ;
इसमें संदेह नहीं किया जा सकता कि राष्ट्र और धर्म और राष्ट्र और समाज की गाड़ी जिन दो पहियों पर चलती है, एक पहिया विद्वानों और न्यायविदों का है और दूसरा पहिया कुलीनों का है। एक प्रसिद्ध कहावत है कि रईस लोगों पर शासक होते हैं और विद्वान रईसों पर शासक होते हैं। वैसे भी राष्ट्र और धर्म के निर्माण और विकास और समाज के सुधार की राह में दोनों के बीच समन्वय और जुड़ाव की आवश्यकता और महत्व को नकारा नहीं जा सकता।
इस्लाम और मानवता के दुश्मनों और डाकुओं ने चतुराई और चालाकी से रईसों को विद्वानों से अलग कर दिया और अब विद्वानों को लोगों से अलग करने के लिए हर स्तर पर हर संभव नापाक प्रयास किए जा रहे हैं और हर संभव खतरनाक साजिशें रची जा रही हैं।
बिहार के मुजफ्फरपुर में हाल ही में तफुफुस अकाफ आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता मौलाना सैयद शबीब काजिम साहिब किबला की पुलिस द्वारा अवैध गिरफ्तारी की शर्मनाक घटना इसी गुप्त साजिश का हिस्सा हो सकती है.
भारत के पूर्वांचल के विद्वानों और उपदेशकों की सभा हम किबला पर मौलाना शबीब काजिम साहब की क्रूरता और क्रूरता पर गहरा गुस्सा और आक्रोश व्यक्त करते हैं।हम बिहार प्रांत की सरकार और प्रशासन की कड़ी निंदा करते हैं। जितनी जल्दी हो सके गरिमा और उलेमाओं की क्रूरता और क्रूरता का निवारण किया जाए।
इसके साथ ही हम मौलाना शबीब काजिम साहिब किबला और उनके परिवार और दोस्तों के प्रति सहानुभूति और हर संभव समर्थन व्यक्त करते हैं।
हज्जत अल-इस्लाम मौलाना शेख इब्न हसन अमलवी वैज
मजमा ए उलेमा व वाएजीन पूर्वांचल हिन्दुसतान
दिनांक: 15/मार्च 2023