۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में माहे रमज़ान उल मुबारक में बक्शीश की अहमियत की ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال الامام الصادق علیه السلام

مَن لَم يُغفَرْ لَهُ في شهرِ رمضانَ لَم يُغفَرْ لَهُ إلى مِثلِهِ مِن قابِلٍ إلاّ أن يَشهَدَ عَرَفَةَ

हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:


जिसकी माहे रमज़ान उल मुबारक में बख्शीश ना हो तो अगले माहे रमज़ान तक उसकी मगफिरत नहीं होगी जब तक कि वह अरफा (के दिन) को न पा ले,
बिहारूल अनवार: 96/342/6

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