हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامیر المؤمنين عليه السلام
اِحْذَرُوا نِفارَ النِّعَمِ، فَما كُلُّ شارِدٍ بِمَرْدُودٍ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
नेमते, ना शुकरी की वजह से इंसान के हाथ से चली जाती है और मालूम नहीं की दोबारा वापस लौटी भी है या नहीं,
बिहारूल अनवार,भाग 71,पेंज 45