हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत रसूले ख़ुदा हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा (स.ल.व.व.) ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं:
اَللّٰهُمَّ ارْزُقْنِی فِیهِ فَضْلَ لَیْلَةِ الْقَدْرِ وَصَیِّرْ أُمُورِی فِیهِ مِنَ الْعُسْرِ إِلَی الْیُسْرِ وَاقْبَلْ مَعاذِیرِی، وَحُطَّ عَنِّی الذَّنْبَ وَالْوِزْرَ، یَا رَؤُوفاً بِعِبادِهِ الصَّالِحِینَ.
ऐ माबूद ! आज के दिन मुझे शबे क़द्र का फ़ज़ल नसीब फरमा दें,इसमें मेरे मामलों को मुश्किल से आसान बना दें, और मेरी कोताही और माफी क़ुबूल कर ले और मेरा ग़ुनाह माफ और मेरा बोझ दूर कर दें ए अपने नेक़ बंदोंओं के साथ मेहरबानी करने वाले,