۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
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हौज़ा/अगर चौथी रकआत के रुकू में न गया हो तो ज़रूरी है कि अपनी नियत को नमाज़े मग़रिब की ओर तब्दील करके नमाज़ पूरी करें, और उसके बाद नमाज़े ईशा अदा करें। यहां तक कि अगर चौथी रकअत के रुको में जा चुका हो तो बिना बर एहतियात नमाज़ को आखिर तक अदा करें और उसके बाद नमाज़े मग़रिब और ईशा अदा करें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।


सवाल: अगर कोई आदमी नमाज मगरिब पढ़ने से पहले भूलकर नमाजे ईशा पढ़ना शुरू कर दे और नमाज के दौरान उसे याद आ जाए की गलती हो गई है तो उसका वजीफा क्या हैं?


उत्तर: अगर चौथी रकआत के रुकू में न गया हो तो ज़रूरी है कि अपनी नियत को नमाज़े मग़रिब की ओर तब्दील करके नमाज़ पूरी करें, और उसके बाद नमाज़े ईशा अदा करें। यहां तक कि अगर चौथी रकअत के रुको में जा चुका हो तो बिना बर एहतियात नमाज़ को आखिर तक अदा करें और उसके बाद नमाज़े मग़रिब और ईशा अदा करें।

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