हौजा न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने शुक्रवार के दिन देर से ज़ोहोर की नमाज पढ़ने से संबंधित सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है।
सवाल: अगर कोई शख़्स जुमा की नमाज़ के वक़्त अपने घर में ज़ोहोर और अस्र की नमाज़ पढ़ना चाहे तो क्या ज़ोहोर की नमाज़ देर से पढ़ना ज़रूरी है?
जवाब: ज़ोहोर की नमाज़ देर से पढ़ना ज़रूरी नहीं है।