۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
نماز شب

हौज़ा/जब आप 'नमाज़े शब' पढ़ते हैं, जो गुनाह आपने दिन में किए होते हैं, उन्हें ख़त्म कर देती है, क्या इससे बेहतर ‎भी कोई चीज़ हो सकती है? रूहानियत से लगाव रखने वाले, अल्लाह के रास्ते पर चलने वाले नमाज़े शब को इसी ‎वजह से ख़त्म न होने वाला ख़ज़ाना व ज़ख़ीरा मानते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,जब आप 'नमाज़े शब' पढ़ते हैं, जो गुनाह आपने दिन में किए होते हैं, उन्हें ख़त्म कर देती है,

क्या इससे बेहतर ‎भी कोई चीज़ हो सकती है? रूहानियत से लगाव रखने वाले, अल्लाह के रास्ते पर चलने वाले नमाज़े शब को इसी ‎वजह से ख़त्म न होने वाला ख़ज़ाना व ज़ख़ीरा मानते हैं। यह नमाज़े शब का आख़ेरत से जुड़ा पहलू है कि वह गुनाहों ‎को ख़त्म कर देती है,

अलबत्ता गुनाहों के दुनियावी असरात भी हैं और उख़रवी असरात भी हैं, जब नमाज़े शब गुनाहों को ख़त्म ‎कर देती है तो इसका मतलब यह है कि वह गुनाहों के बुरे दुनियावी असरात को भी ख़त्म कर देती है

लेकिन हम गुनाह के पहलू की बात कर रहे हैं यानी उसके उख़रवी पहलू की, उस काम की जो आख़ेरत से मुतअल्लिक़ है लेकिन दुनिया के मसाएल के बारे में भी ऐसा ही है। रिवायतों में है कि नमाज़े शब रिज़्क़ में इज़ाफ़े का सबब बनती है -यह दुनिया से जुड़ा मामला है- और भी ‎दूसरे बहुत से फ़ायदे हैं।

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