۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
تصاویر/قرائت دعای عرفه در حرم حضرت معصومه (س)

हौज़ा/अरफ़ा के दिन दोपहर बाद का वक़्त, जन्नती वक़्त है इतनी अज़मतों की मालिक इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम जैसी शख़्सियत ने इसकी अज़मत को बताया हैं, इस दुआ के अर्थों पर ध्यान देने की ज़रूर कोशिश कीजिए,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अरफ़ा के दिन दोपहर बाद का वक़्त, जन्नती वक़्त है इतनी अज़मतों की मालिक इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम जैसी शख़्सियत ने इसकी अज़मत को बताया हैं, इस दुआ के अर्थों पर ध्यान देने की ज़रूर कोशिश कीजिए,

अगर हम समझ सकें तो इस दिन अरफ़ा के दिन दोपहर बाद का वक़्त, जन्नती वक़्त है। इतनी अज़मतों की मालिक इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम जैसी शख़्सियत, अपना आधा दिन यूंही इस दुआ में नहीं बिताते इस दुआ के अर्थों पर ध्यान देने की ज़रूर कोशिश कीजिए,

ध्यान दीजिए कि दुआ में क्या कहा जा रहा है। न यह कि बैठ कर सोचते रहिए-इनमें ग़ौर फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं है जब आप बात कर रहे हैं तो यह मन में रहे कि आप किसी से बात कर रहे हैं और उस बात के अर्थ को समझिए कि वह क्या है।

अरफ़ा के दिन इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम की दुआ, इमाम हुसैन की दुआए अरफ़ा की व्याख्या की तरह है। मानो इस बेटे नें अपने पिता के शब्दों के नीचे एक हाशिया, एक व्याख्या दुआ की ज़बान में लिखी है। दोनों का अलग अलग ही मज़ा है।

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