۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/बुनियादी तौर पर ख़ुद अपनी जगह कोई हरज नहीं है लेकिन पश्चिम की ओछी संस्कृति से प्रेरित डिज़ाइनों को, जो शर्म और पाकदामनी के ख़िलाफ़ हैं, फैलाना सही नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवालः मेरा काम औरतों के कपड़ों की डिज़ाइनिंग का है, क्या इस पेशे को, जिसका कपड़ों की फ़ैशन डिज़ाइनिंग से संबंध है, अपनाना शरई लेहाज़ से सही है?

जवाबः बुनियादी तौर पर ख़ुद अपनी जगह कोई हरज नहीं है लेकिन पश्चिम की ओछी संस्कृति से प्रेरित डिज़ाइनों को, जो शर्म और पाकदामनी के ख़िलाफ़ हैं, फैलाना सही नहीं है।

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