हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस "तोहफ अल उकूल" ली गई है। इस हदीस का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الحسین علیه السلام:
لا تَرْفَعْ حاجَتَكَ إلاّ إلى أحدِ ثَلاثةٍ: إلى ذِي دِينٍ ، أو مُروّةٍ ، أو حَسَبٍ ؛ فأمّا ذو الدِّينِ فيَصُونُ دِينَهُ ، و أمّا ذو المُروّةِ فإنّهُ يَسْتَحيي لِمُرُوَّتهِ ، و أمّا ذو الحَسَبِ فيَعْلَمُ أنّكَ لَم تُكْرِمْ وَجهَكَ أنْ تَبْذِلَهُ لَهُ في حاجَتِكَ ، فهُو يَصونُ وَجهَكَ أنْ يَرُدَّكَ بغَيرِ قَضاءِ حاجَتِكَ
हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने कहा:
इन तीन पुरूषों के अतिरिक्त किसी से अपनी आवश्यकता न मांगना:
1. धार्मिक और मुतादय्यन
2. उदार और प्रतिष्ठित
3. एक व्यक्ति जो शरीफ़ परिवार से है। क्योंकि एक धर्मपरायण व्यक्ति अपने धर्म की रक्षा के लिए आपकी आवश्यकता को पूरा करेगा, और सम्मानित लोग अपनी जवानी पर शर्मिंदा होते हुए भी आपकी मदद करेंगे, और एक कुलीन व्यक्ति अच्छी तरह से जानता है कि आपने उससे सवाल करके अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगा दिया है, इसलिए वह आपकी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए आपकी आवश्यकता को पूरा करेगा।
तोहफ अल उकूल: 247