۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/अगर मामला नक़्द का था और उस मामले में पहले से कोई शर्त नहीं थी तो कोई हरज नहीं हैं, लेकिन अगर मामला ऐसा हो जिसमें चीज़ की क़ीमत पहले अदा की जाए और चीज़ के हाथ में आने के लिए मुद्दत दरकार हो तो ऐसी हालत में मामला तभी सही होगा जब चीज़ आपके हाथ में आ जाए या कम से कम उस चीज़ को अपने क़ब्ज़े में लेने का वक़्त आ चुका हो,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवालः क्या किसी ख़रीदी हुयी चीज़ को हाथ में आने पहले ही किसी दूसरे को बेच सकते हैं? मिसाल के तौर पर इंटरनेट के ज़रिए कोई चीज़ ख़रीदें और हाथ में आए बग़ैर ही इंटरनेट पर उसको किसी दूसरे के हाथ बेच दें?

जवाबः अगर मामला नक़्द का था और उस मामले में पहले से कोई शर्त नहीं थी तो कोई हरज नहीं हैं, लेकिन अगर मामला ऐसा हो (सलफ़ हो) जिसमें चीज़ की क़ीमत पहले अदा की जाए और चीज़ के हाथ में आने के लिए मुद्दत दरकार हो तो ऐसी हालत में मामला तभी सही होगा जब चीज़ आपके हाथ में आ जाए या कम से कम उस चीज़ को अपने क़ब्ज़े में लेने का वक़्त आ चुका हो,

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