हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आयतुल्लहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने फरमाया,माँएं, क़ौमी पहचान के तत्वों को बच्चों के वजूद में उतारती हैं, क़ौमी पहचान बहुत अहम चीज़ है।
मतलब यह कि एक क़ौम की पहचान, एक क़ौम की शख़्सियत पहले चरण में माँओं से ट्रांसफ़र होती है। ज़बान, आदतें, अदब, रीति-रिवाज, अच्छा अख़लाक़, अच्छी आदतें, ये सब पहले मरहले में माँ के ज़रिए ट्रांसफ़र होती हैं।
बाप भी प्रभावी है लेकिन माँ से बहुत कम, माँ का असर सबसे ज़्यादा होता है। दिलों में ईमान के बीज मां बोती है, माँएं हैं जो बच्चे को मोमिन बनाती हैं।
ईमान' कोई सबक़ नहीं है कि इंसान किसी को पढ़ा दे और वह सीख ले, ईमान उगाया जाता है, एक रूहानी ग्रोथ है जिसके लिए बीज होना ज़रूरी है, यह बीज माँ होती है, यह काम माँएं करती हैं।
इमाम ख़ामेनेई,4/03/2023