۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/इस्राफ़ (फजूलखर्ची) और तबज़ीर हराम हैं,और इसराफ फ़जूलखर्ची का अर्थ है आवश्यकता से अधिक धन का उपयोग किया जाए,जबकी जबज़ीर यह कि माल को ऐसी जगहों और चीज़ों पर खर्च किया जाए जो की हकीकत में गैर मुनासिब हो,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए पूछे गए प्रश्न और उसके उत्तर का पाठ बयान किया जा रहा हैं।

सवाल:इसराफ(फ़जूलखर्ची) और तबज़ीर क्या हैं, और क्या यह हराम कामो मे से है? 

उत्तर:इसराफ(फ़जूलखर्ची) और तबज़ीर हराम हैं,और इसराफ फ़जूलखर्ची का अर्थ है आवश्यकता से अधिक धन का उपयोग किया जाए,जबकी जबज़ीर यह कि माल को ऐसी जगहों और चीज़ों पर खर्च किया जाए जो की हकीकत में गैर मुनासिब हो।

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