हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने इस्लामोफोबिया में कथित वृद्धि पर शुक्रवार को चिंता ज़ाहिर करते हुए मांग की कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वालों को विशेष रूप से दंडित करने के लिए एक अलग कानून बनाया जाए।
जमीयत का महाधिवेशन उसके अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में रामलीला मैदान में शुरू हुआ महाधिवेशन का पूर्ण सत्र रविवार को आयोजित होगा संगठन ने देश में नफरती अभियान और 'इस्लामोफोबिया' में कथित बढ़ोतरी समेत कई प्रस्तावों को पारित किया हैं,
जमीयतुल ओलेमा ने कहां 'देश में इस्लामोफोबिया और मुसलमानों के विरुद्ध नफरत और उकसावे की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। सबसे दु:खद बात यह है कि यह सब सरकार की आंखों के सामने हो रहा है लेकिन वह खामोश हैं।
संगठन ने कहा कि वह इन परिस्थितियों में देश की संप्रभुता और ख्याति को लेकर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहती है।
जमीयत द्वारा प्रस्तावित कदमों में नफरत फैलाने वाले तत्वों और मीडिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शामिल है। संगठन ने यह मांग भी की कि "हिंसा के लिए उकसाने वालों को विशेष रूप से दंडित करने के वास्ते एक अलग क़ानून बनाया जाए