हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , ज़ायोनी सैनिकों और हमास के बीच रविवार को पहली ज़मीनी भिडंत हुई हमास का कहना है कि उसने दक्षिणी ग़ज़ा पट्टी में ख़ान युनुस नगर के क़रीब इसराइली सैनिकों को गिरफ्तार कर लिया गया
इस इलाक़े में सीमा पर लगी बाड़ को पार करके ज़ायोनी सैनिक कुछ मीटर भीतर दाख़िल हुए कि अचानक हमास के संघर्षकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया।
इस हमले में ज़ायोनी सना का एक टैंक और दो बुल्डोज़र ध्वस्त हो गए जिसके बाद ज़ायोनी सैनिक पैदल भागे।
ज़ायोनी सेना ने अपने बयान में कहा कि हमास के लड़ाकों ने उसके सैनिकों पर फ़ायरिंग की जिसके बाद टैंक से उन पर हमला किया गया।
बाद में ज़ायोनी सेना ने अपने बयान में कहा कि ग़ज़्ज़ा पट्टी के क़रीब उसका एक टैंक एंटी टैंक मिसाइल का निशाना बना और एक सैनिक मारा गया और एक सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया, इसके अलावा भी दो सैनिक घायल हुए मगर वो ख़तरे से बाहर हैं।
मीडिया का कहना है कि यह घटना किसोफ़ीम इलाक़े के करीब हुई जब हमास के लड़ाकों ने ज़ायोनी सैनिकों की पोज़ीशन का पता लगाकर उन पर राकेट फ़ायर कर दिया।
टीकाकार कहते हैं कि इस घटना से पता चल गया है कि हमास के संघर्षकर्ता ज़ायोनी सैनिकों की गतिविधियों पर गहरी नज़र रखे हुए हैं।
अलजज़ीरा टीवी चैनल के पत्रकार ने कहा कि ज़ायोनी सैनिक दरअस्ल हमास की क़ैद में मौजूद इस्राईली क़ैदियों को रखे जाने के साक्ष्य जुटाने के उद्देश्य से आगे बढ रहे थे मगर हमास ने उन पर पहले से नज़र रखी हुई थी।
ज़ायोनी सेना ग़ज़ा में ज़मीनी आप्रेशन की तैयारी कर रही है। ज़ायोनी शासन के युद्ध मंत्री गालांट ने कहा कि यह आख़िरी लड़ाई होगी क्योंकि इसके बाद हमास का कोई अस्तित्व नहीं बचेगा।
मगर सामरिक मामलों के विशेषज्ञ कहते हैं कि ज़ायोनी सेना का मनोबल बहुत गिर चुका है और उसके भीतर भय पाया जाता है।