۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
पेंटिंग

हौज़ा / दुनिया के बड़े देशों में से एक भारत की 140 करोड़ की आबादी के सबसे बड़े राज्य यूपी की राजधानी लखनऊ की बेटी लिबा मेहदी की पेंटिंग अब दुनिया भर के लोगो में चर्चा का विषय बन गयी है।

हौज़ा नयूज़ एजेंसी के अनुसार, भारत के मशहूर एड़वोकेट सागर मेहदी अपनी बेटी की अक़ीदत से बनाई पेंटिंग का नज़राना पेश किया जिनके साथ तहलका टुडे के एडिटर रिज़वान मुस्तफ़ा थे।

मशहद मे आयतुल्लाह सिस्तानी के वकील आयतुल्लाह मिस्बाह साहब के आफिस मे उनके छोटे भाई से मुलाक़ात मे दुनिया मे अमन शांति की दुआओ के बीच लिबा मेहदी की पेंटिंग की बात हुई,जिसे लेकर हम इमाम रज़ा (अ) के हरम पुहंचे। लिबा मेहदी की पेंटिंग उनके वालिद सागर मेहदी एडवोकेट साहब ने पेश करते हुए बताया मैं अरबाईन में कर्बला  बेटी लिबा मेंहदी को माँ रुफ़ी मेहदी और भाई माहिर मेहदी और मलक को लेकर गया था,मेरी बेटी साइंटिस्ट है बचपन से लेकर एमएससी बायो केमिस्ट्री तक 90% नंबर लाने का शरफ़ हासिल है।

लखनऊ की लिबा मेहदी की अक़ीदत की पेंटिंग को कर्बला नजफ़ के साथ मासूमा ए क़ुम ,मशहद में इमाम रज़ा के रौज़े पर मिली जगह

अरबईन पद यात्रा से वापसी में लिबा ने नजफ़ अशरफ,मस्जिद कूफ़ा, मस्जिदें सहला,रौज़ा इमाम हुसैन,रौज़ा हज़रत अब्बास,मासूमा ए क़ुम और मौला इमाम रज़ा के रौज़े के लिए पेंटिंग बनाई मैं उन पेंटिंग को सभी रौज़ों के मुतावल्ली और ज़िम्मेदारो को देकर आज आपके पास पहुँचा।

इंटरनेशनल अफ़ेयर्स चीफ के मुखिया सैयद ज़ुल्फेकारी ने उनके खुलूस को सलाम करते हुए कहा इस जज़्बे को सलाम ये पेंटिंग इमाम के रौज़े पर मुक़द्दस जगह लगेंगी, उन्होंने इमाम के रौज़े के फूल का लाकेट और ज़ेवर के सेटो के साथ कई तोहफा पेश करते हुए  कहा हम ममनून है उस इमाम की चाहने वाली बेटी के जिसने इमाम की चाहत में हिन्द से तोहफा भेजा, उन्होंने कहा इस खादिमा से और ख़िदमत का मौका दिया जायेगा।

बहरहाल एक इमाम की चाहने वाली के जज़्बे को किस किस तरह इमाम के हरम में इस्तकबाल किया गया ,इससे ये महसूस हुआ हमारे जज़्बे और क़द्र का इन्तिज़ार होता है इमाम करते है।

लिबा मेहदी मिसाल है उन भारत की हक़ परस्त नेकी करके इंक़लाब लाने वाली बेटियों में जो आज के समाज मे एक पैग़ाम देकर ये बता देती है तुम कोशिश करो अच्छा करने की नेकी के साथ अल्लाह और  इमाम की नज़र और कद्र हमेशा रहेंगी।

बेटी की पेंटिंग पर हुए रौज़ों और खासकर इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े पर अक़ीदत और मोहब्बत से सागर मेहदी साहब के खुशी से आंखों में आंसू थे, हम सभी के दिल मे एक हौसला था कि भारत की इस बेटी का तोहफा इमाम ने कुबूल करके हिंदुस्तानी बेटियों को कुछ अच्छा नया कर पूरी दुनिया मे नाम रौशन करने का मौका दिया है।

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