۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/बाप और जो लोग उसके यहां खाना खाते हैं उनके लिए हकीक़े का गोश्त खाना मकरूह है खास तौर से एहतियाते मुस्तहाब है की बच्चे की माँ गोश्त को न खाए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल:क्या बच्चे के हकीक़ा का गोश्त उसके वालदैन खा सकते हैं?

उत्तर: बाप और जो लोग उसके यहां खाना खाते हैं उनके लिए हकीक़े का गोश्त खाना मकरूह है खास तौर से एहतियाते मुस्तहाब है की बच्चे की माँ गोश्त को न खाए।

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