۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / बच्चों के लिए अपने माता-पिता से ऐसे मामलों में बहस करना जायज़ है जिसमें उन्हें लगता है कि माता-पिता की राय सही नहीं है, लेकिन बहस करते समय उनसे शांति से बात करना ज़रूरी है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

प्रश्नः कभी-कभी बेटा या बेटी रोजमर्रा के मामलों में माता-पिता से बहस करते हैं और कभी-कभी बहस इतनी लंबी चलती है कि माता-पिता थक जाते हैं, क्या बच्चों के लिए माता-पिता के साथ इस तरह बहस करना जायज़ है? क्या ऐसी कोई सीमा है जिसे बच्चों को पार नहीं करना चाहिए ?
उत्तर: बच्चों के लिए अपने माता-पिता से ऐसे मामलों में बहस करना जायज़ है जिसमें उन्हें लगता है कि माता-पिता की राय सही नहीं है, लेकिन यह ज़रूरी है कि उनसे शांति से बात की जाए और उनसे बातचीत करते समय शिष्टाचार और सम्मान का ध्यान रखा जाए। उन्हें क्रोध या कठोरता से न देखें, और यदि कठोर शब्द तो दूर की बात अपनी आवाज़ उनसे ऊंची न करें।

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