हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के ्अनुसार, पाकिस्तानी मूल के नजफ निवासी शिया प्रसिद्ध आयतुल्लाह हाफ़िज बशीर हुसैन नजफी ने माता या पिता किसी सुन्नती अमल जैसे मुट्ठी भर दाढ़ी या मुस्तब रोज़ा रखने से से रोकने से संबंधित पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है।
प्रश्न: अगर माता या पिता किसी सुन्नती अमल जैसे मुट्ठी भर दाढ़ी या मुस्तब रोज़ा रखने से से रोकते हैं, तो क्या रुक जाना चाहिए?
उत्तर: यदि माता-पिता करुणा (शफक्कत) के कारण रोकते हैं, तो रूक जाना चाहिए और मेरे बेटे को यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि माता-पिता को खुश करना बहुत आसान है यदि कोई माता-पिता के हाथों को चूमता है, बल्कि पैर चूमता है और उनके होठों को छूता है। आँखे, हाथ पैर प्रभावित हो तो माता-पिता का दिल बहुत जल्दी पिघल जाता है। वल्लाहो आलम