۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
मजलिस

हौज़ा/एक मजलिस को खिताब फरमाते हुए शब्बीर वारसी ने कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की वजह से आज इस्लाम जिंदा है उन्होंने अपनी कुर्बानी देकर इस्लाम को बचाया हमारे लिए जरूरी है कि हम इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के मिशन को आगे बढ़ाएं और इमाम के पैगाम दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाएं

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर इमाम हुसैन के नज़रिए पर अमल करते हुए अपने हुर्रियत के दरवाजे खुले रखो। कब कौन हुर बनकर आपके बीच आ जाए उसे गले लगाओ और इस तरीके से उसका इस्तेकबाल करो जैसा इमाम हुसैन अ.स. ने कर्बला में हुर के आने पर किया था।

आज के दौर में सबसे अहम तरीन बात ये है कि किसी भी आने वाले के पिछले जीवन को न देखो बल्कि उसे आगे बढ़ाने की कोशिश करो। उक्त बातें मौलाना शब्बीर हसन वारसी ने रविवार को कर्तिहा गांव के सदर इमामबाड़ा में मजलिसे चेहलुम नसीम फात्मा कर्बलाई को खिताब करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि इस्लाम को कुछ लोगों ने बेवजह बदनाम किया जबकि इस्लाम आज जो जिंदा है वह कुर्बानियों की देन है जिसकी सबसे बड़ी मिसाल हमें कर्बला में देखने को मिली है। माहे मुहर्रम का महीना करीब है और पूरी दुनिया अपने आका हुसैन का गम मनाने के लिए अभी से तैयारी में जुट गई है।

इस्लाम को बचाने के लिए अहलेबैत ने जो कुर्बानी पेश की है वोह शायद ही कहीं देखने को मिले। इससे पूर्व सोजखानी मुश्ताक हुसैन कर्बलाई व उनके हमनवा रन्नो ने पढ़ा। पेशखानी फरहान सुलतानपुरी व इब्ने जाफर सुलतानपुरी ने किया इस मौके पर बड़ी संख्या में मोमिनीन उपस्थित हुए

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